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दरभंगा : संस्कृत विवि में ‘पोषण पखवाड़ा’ का हुआ उद्घाटन

दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में “पोषण पखवाड़ा” (8 से 23 अप्रैल तक) का उद्घाटन कार्यक्रम कल संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो० विद्याधर मिश्र मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्वविद्यालय समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा विशिष्ट अतिथि के रूप में रहे।

इस अवसर पर धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो० दिलीप कुमार झा, व्याकरण विभागाध्यक्ष प्रो० दयानाथ झा, ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा, दर्शन विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज कुमार पांडेय, एवं व्याकरण विभाग की सहायक आचार्या डॉ. एल. सविता आर्या सहित कई प्राध्यापकगण एवं स्वयं सेवक व स्वयं सेविकाएं उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि प्रो० विद्याधर मिश्र ने कहा —”पोषण केवल स्वास्थ्य का विषय नहीं है, यह संस्कृति, परंपरा और जागरूकता का भी विषय है। हमारे शास्त्रों में वर्णित संतुलित आहार और दिनचर्या आज भी प्रासंगिक है।” विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधीर कुमार झा ने कहा —”राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं को सेवा एवं जागरूकता के माध्यम से नेतृत्व प्रदान करती है। पोषण की दिशा में युवाओं की पहल समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती है जिससे स्वस्थ भारत एवं समर्थ भारत अभियान को बल मिलेगा ।” धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो० दिलीप कुमार झा ने कहा —”स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ विचारों का निवास होता है। विद्यार्थियों को स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है।” ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा ने कहा —”ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी दिनचर्या और आहार का संतुलन मानव जीवन को दीर्घायु और रोगमुक्त बनाता है।” दर्शन विभागध्यक्ष डॉ. धीरज कुमार पांडेय ने कहा —

“दर्शन यह सिखाता है कि आत्मा और शरीर दोनों का पोषण आवश्यक है—पोषण केवल शारीरिक नहीं, मानसिक और भावनात्मक भी होना चाहिए।” व्याकरण विभाग की सहायक आचार्या व महिला मंच की संयोजिका डॉ. एल. सविता आर्या ने कहा —”स्त्री और बालिका के पोषण की अनदेखी समाज की नींव को कमज़ोर करती है। हमें उन्हें प्राथमिकता देनी होगी।”

कार्यक्रम पदाधिकारी व संयोजिका डॉ. साधना शर्मा ने विषय प्रस्तुत करते हुए बताया कि “पोषण पखवाड़ा” के अंतर्गत विश्वविद्यालय तथा गोद लिए गाँवों में व्याख्यान, कार्यशाला, जागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रतियोगिता, दूर-दूर कैंपेन तथा समूह परिचर्चा जैसे विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

उन्होंने यह भी बताया कि गर्भवती महिलाओं और एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए खून की कमी व पोषक आहार जैसे विषयों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त छात्रों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने हेतु प्रेरित किया जाएगा तथा मोटापे से ग्रस्त बच्चों के लिए भी विशेष मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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