दरभंगा (नासिर हुसैन)। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी के निर्देश पर वर्तमान निदेशक प्रो. प्रेम मोहन मिश्रा के आग्रह को सहर्ष स्वीकार कर डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निर्माता सह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजमणि प्रसाद सिन्हा ने परिसर का भ्रमण किया।
संस्थान में सबसे लंबे समय तक रहे पूर्व निदेशक प्रो. एम. नेहाल भी उनसे मिलने आए थे। संस्थान के निदेशक प्रो. प्रेम मोहन मिश्र के साथ दोनों अतिथियों ने परिसर का भ्रमण किया। ऐसे अतिथियों के पदार्पण से परिसर में उत्सव जैसा माहौल बन गया। इस अवसर पर प्रो. सिन्हा एवं प्रो. नेहाल ने संस्थान की अपनी पुरानी यादों को साझा किया और छात्राओं, कर्मचारियों तथा समाज के हित में संस्थान के समग्र विकास के लिए विभिन्न सुझाव दिए।
प्रो. सिन्हा ने कहा कि इस संस्थान का उद्देश्य केवल डिग्री बाँटना नहीं है, बल्कि छात्राओं को उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित करना है। हमें इस दिशा में निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने इस संस्थान के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।प्रो. नेहाल ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि संस्थान में युवा प्रतिभाओं को पहचानने और उनके कौशल को निखारने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए औद्योगिक सहयोग व सामुदायिक सहभागिता को और बढ़ाने की आवश्यकता है।
निदेशक ने जानकारी दी कि वर्तमान कुलपति के निर्देश पर गरीब प्रतिभावान बालिकाओं को तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री क्रेडिट कार्ड योजना के तहत निःशुल्क नामांकन लेने वाला यह एकमात्र संस्थान है। इस सत्र से संस्थान में बीसीए एवं एमसीए में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है। संस्थान के निदेशक द्वारा सूचित किया गया कि कुलपति ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर एक चेयर स्थापित करने और प्रथम तीन स्थान प्राप्त छात्राओं को पुरस्कार देने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। डॉ. अब्दुल कलाम चेयर की स्थापना के लिए धन प्राप्त करने के लिए भी सुझाव दिये गए। प्रो. नेहाल ने बायोइनफ़ॉर्मैटिक्स विषय में नामांकन एवं परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा को अपनी माँ के नाम पर पुरस्कार देने की घोषणा की।
सभी उपस्थित व्यक्तियों ने कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी द्वारा लगातार इस प्रकार के संवाद कार्यक्रमों को आयोजित करने के प्रयास को बहुत प्रेरणादायक और लाभकारी बताया।संस्थान के निदेशक प्रो. प्रेम मोहन मिश्र ने प्रो. सिन्हा एवं प्रो. नेहाल को उनके अमूल्य सुझावों और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही, भविष्य में संस्थान के साथ सहयोग को जारी रखने की आशा व्यक्त की।