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स्विट्जरलैंड में ‘सुसाइड कैप्सूल’ से पहली मौत, महिला ने की आत्महत्या, पुलिस ने दर्ज किया केस, जानें क्या है ‘डेथ बटन’

डेस्क : उत्तरी स्विट्जरलैंड में एक अनोखी घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने पहली बार ‘सुसाइड कैप्सूल’ का उपयोग कर अपनी जान दी. पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया और एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. यह ‘सरको’ नामक सुसाइड कैप्सूल एक ऐसा उपकरण है जिसमें व्यक्ति खुद ‘डेथ बटन’ दबा कर अपनी जान ले सकता है. इस बटन को दबाते ही कैप्सूल के अंदर नाइट्रोजन गैस भर जाती है जिससे व्यक्ति नींद में चले जाता है और कुछ ही मिनटों में ऑक्सीजन की कमी (हाइपोक्सिया) से उसकी मौत हो जाती है.

यह घटना स्विट्जरलैंड के मेरिशौसेन के एक जंगल के पास घटी, जहां एक महिला ने इस कैप्सूल का इस्तेमाल किया. पुलिस के अनुसार, महिला ने ‘सरको’ कैप्सूल के अंदर बैठकर ‘डेथ बटन’ दबाया, जिसके तुरंत बाद नाइट्रोजन गैस से उसकी मौत हो गई. नाइट्रोजन गैस जहरीली नहीं होती, लेकिन ऑक्सीजन की कमी के कारण महिला का शरीर शिथिल हो गया और कुछ ही मिनटों में उसने दम तोड़ दिया.

पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें एक फोटोग्राफर भी शामिल है, जो घटना की तस्वीरें लेना चाहता था. डच अखबार ‘Volkskrant’ के अनुसार, शाफहाउसेन पुलिस ने फोटोग्राफर को एक पुलिस स्टेशन में रखा है, लेकिन उन्होंने इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है.

‘सरको’ सुसाइड कैप्सूल को नीदरलैंड की एक संस्था ‘एग्जिट इंटरनेशनल’ ने विकसित किया है. यह 3D-प्रिंटेड कैप्सूल है, जिसे बनाने में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की लागत आई. इस कैप्सूल के उपयोग के पीछे ऑस्ट्रेलियाई डॉक्टर फिलिप निट्शके का नाम है, जो ‘एग्जिट इंटरनेशनल’ के संस्थापक हैं. उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड के वकीलों ने उन्हें सलाह दी है कि ‘सरको’ कैप्सूल का उपयोग स्विट्जरलैंड के कानून के अनुसार वैध हो सकता है, हालांकि इसके उपयोग से जुड़े कई कानूनी विवाद सामने आए हैं.

स्विट्जरलैंड में आत्महत्या की अनुमति दी गई है, लेकिन कानून के अनुसार आत्महत्या करने वाला व्यक्ति बिना किसी बाहरी मदद के अपनी जान ले सकता है. जो लोग किसी व्यक्ति की आत्महत्या में मदद करते हैं, उन्हें केवल तभी दोषी नहीं माना जाएगा जब उनका कोई स्वार्थ न हो. हालांकि, ‘सरको’ कैप्सूल के उपयोग को लेकर स्विट्जरलैंड के विभिन्न क्षेत्रों में कानूनी बहस जारी है.

स्विट्जरलैंड के शाफहाउसेन क्षेत्र के राज्य अभियोजक पीटर स्टिचर ने इस वर्ष जुलाई में कहा था कि अगर इस कैप्सूल का उपयोग किया गया, तो इसके संचालकों पर आपराधिक कार्यवाही हो सकती है. दोषी पाए जाने पर उन्हें पांच साल तक की सजा हो सकती है.

हालांकि इस कैप्सूल को भविष्य की आत्महत्या विधि के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसके कानूनी और नैतिक पहलुओं पर कई सवाल उठ रहे हैं. गर्मियों के दौरान, एक 54 वर्षीय अमेरिकी महिला जो कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थी, इस कैप्सूल का उपयोग करने वाली पहली व्यक्ति बनने वाली थी, लेकिन यह योजना अंततः रद्द कर दी गई थी.

‘सरको’ सुसाइड कैप्सूल का विकास एक नई दिशा में आत्महत्या की चर्चा को जन्म दे रहा है, लेकिन इसके व्यापक उपयोग से पहले कानूनी और नैतिक मापदंडों पर गंभीर विचार किया जाना बाकी है. स्विट्जरलैंड में इस कैप्सूल का उपयोग चाहे कानूनी हो या न हो, यह स्पष्ट है कि इस तरह की तकनीकें मानवाधिकार, चिकित्सा नैतिकता और कानून के क्षेत्र में नई चुनौतियों को जन्म देंगी.

 

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