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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड : लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के संपर्क में थे शूटर !

डेस्क : बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने नया खुलासा किया है. क्राइम ब्रांच की मानें तो बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाले संदिग्ध तीनों शूटर्स लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के संपर्क में थे. हत्या से पहले तीनों शूटर्स इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप (स्नैपचैट) के जरिये अनमोल बिश्नोई से बातचीत की थी. आरोपियों से पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है. हालांकि बाबा सिद्दीकी की हत्या क्यों की गयी है, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है. इस बात का खुलासा होने के बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के पास से जब्त मोबाइल फोन और स्नैपचैट को खंगाला.

जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का साजिशकर्ता व शूटर प्रवीण लोनकर और बाकी शूटर सीधे अनमोल बिश्नोई के संपर्क में थे. अनमोल बिश्नोई कनाडा-अमेरिका से बैठकर स्नैपचैट पर मैसेज के जरिये सभी को निर्देश देता था. इसके बाद उस मैसेज को तुरंत डिलीट कर दिया जाता था. जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को कई स्नैपचैट अकाउंट्स की जानकारी मिली, जिसका इस्तेमाल कर आरोपी एक-दूसरे के संपर्क में थे. आरोपियों के फोन से और भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती है. आरोपियों ने कैसे हत्या की योजना बनायी और अनमोल बिश्नोई व अन्य आरोपियों के बीच क्या बातचीत हुई.

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें दो शूटर गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप शामिल हैं, जिन्होंने घटनास्थल पर गोलीबारी की थी. वहीं इन शूटरों को पैसा और हथियार सप्लाई करने वाला हरीश कुमार निषाद को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं साजिशकर्ता प्रवीण लोनकर को भी पकड़ा जा चुका है. प्रवीण शुभम का भाई है, जो लॉरेंस बिश्नोई का गुर्गा है. वहीं इस केस में मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम समेत कई आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.

बता दें कि 12 अक्टूबर की रात संदिग्ध तीन हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी की गोली मार कर हत्या कर दी थी. हमलावरों ने बांद्रा इलाके के निर्मल नगर के कोलगेट मैदान के रपास स्थित बाबा के बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर गोलियों से भून डाला था. शनिवार की रात दुर्गा विसर्जन जुलूस के दौरान पटाखे फोड़े जा रहे थे. तब ही घात लगाकर शूटरों ने बाबा पर हमला किया. लेकिन पटाखों की शोर के कारण गोली चलने की आवाज नहीं सुनाई दी. हत्या करने के बाद तीनों हमलावर भाग रहे थे. तभी भीड़ ने दो आरोपियों गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया. जबकि तीसरा शूटर शिवकुमार गौतम भागने में कामयाब हो गया.

 

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