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भोपाल : जबरन आईसीयू में भर्ती रख परिजनों को बताया कोमा में है मरीज! अर्धनग्न अवस्था में पीड़ित ने खुद बाहर आकर बताई आपबीती

रतलामः मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला आया है, जहां अस्पताल प्रशासन एक मरीज को वार्ड में बंधक बनाकर परिजनों को पैसे ऐंठ रहा था। खुली लूट का मामला रतलाम के जीडी अस्पताल का है।

आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने ICU में भर्ती मरीज बंटी निनामा को जबरन रोक रखा था और उसकी पत्नी से इलाज के नाम पर पैसे की मांग की।

अस्पताल प्रशासन की गुंडागर्दी तब उजागर हुई जब बंटी ने खुद आईसीयू से बाहर निकल कर अपनी आपबीती बताई। इसके बाद से ही सोशल मीडिया अर्धनग्न अवस्था में मरीज का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। लोग अस्पताल प्रशासन के साथ ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं।

क्या है पूरा मामला? 

जानकारी के मुताबिक, एक विवाद में गंभीर रूप से घायल बंटी 2 मार्च को अस्पताल में भर्ती हुआ था। बंटी की पत्नी लक्ष्मी निनामा का आरोप है कि अस्पताल ने उनसे पहले पैसे जमा करवा लिए। उसके बाद बताया कि उनका पति कोमा में चला गया है। उन्होंने बताया कि बंटी की रीढ़ की हड्डी टूट गई है वह बोलने की स्थिति में नहीं है। इतना ही उससे और पैसों का इंतजाम करने को कहा गया। जब वह पैसे लेकर आई तो उसका पति स्वयं अस्पताल के बाहर निकल आय। बंटी ने खुद आईसीयू से बाहर आकर बताया कि उसे जबरदस्ती बंधक बनाया गया था।

पीड़ित बंटी ने खुद बताई आपबीती

बंटी निनामा ने आरोप लगाया कि वह होश में आने के बाद अपने परिवार से मिलने की गुहार लगा रहा था, लेकिन अस्पताल ने उसे रोक रखा था। उसके हाथ-पैर रस्सियों से बांध दिए गए थे और उसे बाहर नहीं निकलने दिया गया। अस्पताल से बाहर निकलते ही उसने इस बात की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।

मैनेजर कर रहे अस्पताल का बचाव 

वहीं जीडी अस्पताल के मैनेजर नंदकिशोर पाटीदार ने अस्पताल के पक्ष में सफाई देते हुए कहा कि बंटी को सिर्फ उसकी सुरक्षा के लिए बांधा गया था, ताकि वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि बंटी ने स्टाफ के साथ गाली-गलौज की और कैंची उठाकर हमला करने की कोशिश की। इसके बाद उसने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की और अस्पताल से बाहर निकल गया।

डिप्टी सीएम ने निष्पक्ष जांच का दिया आश्वासन

बंटी निनामा का मामला मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तक पहुंच गया है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। यदि अस्पताल पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्वास्थ्य विभाग मामले की सभी पहलुओं से जांच कर रहा है

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