दिल्ली (निशांत झा) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में देश को संबोधित किया. पीएम मोदी के ‘मन की बात’ संबोधन को बिहार भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद डॉ. धर्मशीला गुप्ता ने कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली स्थित 159, नॉर्थ एवेन्यू में सुना.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में कहा कि अगले महीने 8 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ है. यह हमारी नारी-शक्ति को नमन करने का एक विशेष अवसर होता है. उन्होंने कहा कि देवी महात्म्य में कहा गया है, ‘विद्या: समस्ता: तव देवि भेदाः स्त्रीय: समस्ताः सकला जगत्सु’, अर्थात सभी विद्याएं देवी के ही विभिन्न स्वरूपों की अभिव्यक्ति हैं और जगत की समस्त नारी शक्ति में भी उनका ही प्रतिरूप है. हमारी संस्कृति में बेटियों का सम्मान सर्वोपरि रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हाल के पेरिस दौरे का जिक्र भी किया, जहां वे एक बड़े AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सम्मेलन में शामिल हुए थे. उन्होंने बताया कि वहां दुनिया ने भारत की AI के क्षेत्र में हुई प्रगति की बहुत सराहना की. उन्होंने कहा, ‘हाल ही में मैं AI के एक बड़े सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पेरिस गया था. वहां दुनिया ने इस क्षेत्र में भारत की प्रगति की खूब सराहना की. हमारे देश के लोग आज AI का उपयोग किस-किस तरह से कर रहे हैं, इसके उदाहरण भी हमें देखने को मिल रहे हैं.’
प्रधानमंत्री मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम हर महीने अपने विचारों और संदेशों के जरिए राष्ट्र को एकजुट करता है और देशवासियों को प्रेरित करता है. इस बार उन्होंने विशेष रूप से विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी, साथ ही देश की प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही प्रगति की चर्चा की.
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना हर नागरिक का दायित्व है और यह देश के समग्र विकास में भी अहम भूमिका निभाता है. एक स्वस्थ और फिट राष्ट्र की ओर बढ़ने के लिए यह जरूरी है कि हम अपने खानपान और जीवनशैली में सुधार करें, जिससे न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार हो, बल्कि पूरे समाज को इसका लाभ मिले.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि आज हर आठ में से एक व्यक्ति मोटापे की समस्या से परेशान है. यह आंकड़ा मोटापे की बढ़ती समस्या को दर्शाता है, जो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी एक गंभीर चुनौती बन गया है.