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‘प्रसाद बनाने में जानवरों की चर्बी…’ : तिरुपति लड्डू घोटाला मामले में बड़ा खुलासा, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए 4 आरोपी

डेस्क : आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किए जाने वाले तिरुपति लड्डू में मिलावट का बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में सीबीआई की अगुवाई में गठित विशेष जांच दल (SIT) ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इनमें भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक विपिन जैन और पोमिल जैन, वैष्णवी डेयरी के अपूर्व चौड़ा और एआर डेयरी के राजू राजशेखरन शामिल हैं. CBI द्वारा गठित पांच सदस्यीय SIT टीम ने इस मामले की गहन जांच की.

इस टीम में दो अधिकारी CBI से, दो आंध्र प्रदेश पुलिस से और एक खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से शामिल थे. जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि क्या तिरुपति लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी (एनिमल फैट) का इस्तेमाल किया गया था.

सूत्रों के मुताबिक, SIT जांच के दौरान घी आपूर्ति में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं. वैष्णवी डेयरी ने एआर डेयरी के नाम पर टेंडर हासिल किया था और घी आपूर्ति के दस्तावेजों में हेरफेर की थी. जांच में सामने आया कि वैष्णवी डेयरी ने यह दावा किया था कि घी भोले बाबा डेयरी से लिया गया था, लेकिन सच्चाई यह थी कि भोले बाबा डेयरी की क्षमता मंदिर की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी.

यह मामला तब और गर्मा गया जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस के शासनकाल के दौरान तिरुपति लड्डू में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी मिलाई गई थी. नायडू ने NDA की एक बैठक में दावा किया कि YSRCP सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर तक को नहीं बख्शा और श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ किया.

इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और YSRCP के राज्यसभा सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी सहित कई अन्य लोगों ने याचिका दायर की थी. शीर्ष अदालत ने 4 अक्टूबर को दिए अपने आदेश में कहा था कि SIT इस मामले की जांच करेगी और इसकी निगरानी CBI निदेशक करेंगे.

तिरुपति लड्डू श्रद्धालुओं के लिए केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि उनकी आस्था और विश्वास का प्रतीक है। ऐसे में इस मामले ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है. CBI और SIT की रिपोर्ट आने के बाद मंदिर प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.

अब देखना होगा कि इस मामले में आगे और कौन-कौन बेनकाब होते हैं और दोषियों को क्या सजा मिलती है.

 

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