डेस्क : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद शिवसेना (UBT) में बेचैनी का माहौल है। कई नेताओं को अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर चिंता सता रही है। इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने ठाकरे गुट में हलचल मचा दी है। जानकारी के अनुसार, उद्धव ठाकरे के गुट के छह सांसद पार्टी छोड़ सकते हैं और शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। यह घटनाक्रम शिवसेना के अंदर चल रही राजनीति के नए मोड़ का संकेत दे रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, ठाकरे गुट के छह सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं। इन सांसदों के शिंदे गुट में शामिल होने की प्रक्रिया को ‘ऑपरेशन टाइगर’ के नाम से जाना जा रहा है। इस ऑपरेशन के तहत, ठाकरे गुट के नौ सांसदों में से छह सांसद शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। यह योजना आगामी संसद सत्र से पहले पूरी करने की कोशिश की जा रही है, ताकि शिंदे गुट को और अधिक मजबूती मिल सके।
ऑपरेशन टाइगर के तहत सांसदों के दल-बदल के मामले में दल-बदल विरोधी कानून की भी भूमिका अहम है। इस कानून के तहत, यदि कोई सांसद या विधायक अपने पार्टी से अलग होकर दूसरी पार्टी में शामिल होता है, तो उस पर कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में, शिंदे गुट ने ठाकरे गुट के छह सांसदों को मनाने में सफलता प्राप्त की है। इन छह सांसदों को दल-बदल विरोधी कानून से बचने के लिए ठाकरे गुट से अलग होना जरूरी था, ताकि शिंदे गुट में शामिल होने में कोई कानूनी अड़चन न आए।
सूत्रों का कहना है कि सांसदों के बीच कई दौर की बातचीत और बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें उन्हें शिंदे गुट में शामिल होने के लिए राजी किया गया है। यह बैठकें पर्दे के पीछे चल रही थीं, और अब यह स्पष्ट हो गया है कि ये छह सांसद जल्द ही शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही, इस प्रक्रिया में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का भी शिंदे गुट का समर्थन प्राप्त है।
हालांकि, खबर है कि कुछ विधायक भी शिंदे गुट के संपर्क में हैं, लेकिन अभी तक विधायकों के बारे में कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। आने वाले दिनों में इन विधायकों के दल-बदल को लेकर कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है, जिससे ठाकरे गुट के लिए एक और झटका हो सकता है।