दिल्ली (निशांत झा) : संसद भवन में आज दरभंगा सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डॉ. गोपालजी ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर मिथिला पेंटिंग के परिधान में बजट पेश किए जाने, केंद्रीय बजट में मखाना बोर्ड का प्रावधान, बिहार में फूड टेक्नोलॉजी संस्थान, भारतम् मिशन के तहत पांडुलिपियों का डिजिटल दस्तावेजीकरण, बिहार के तीन हवाई अड्डे को ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे में परिवर्तित करने सहित अन्य मुद्दों के लिए आभार जताया तथा उन्हें साढ़े आठ करोड़ मिथिलावासियों की ओर से धन्यवाद दिया।
इस मौके पर सांसद डॉ. ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण को मखाना भेंट किया तथा मिथिला पेंटिंग के पाग एवं अंगवस्त्र से सम्मानित भी किया। सांसद डॉ. ठाकुर ने वित्त मंत्री को मखाना बोर्ड के लिए साधुवाद देते हुए कहा कि मिथिला क्षेत्र खासकर दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, अररिया, सीतामढ़ी तथा किशनगंज कुल दस जिलों में 35 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती होती है। नई तकनीक से खेती तथा वैश्विक बाजार उपलब्ध होने से यहां के लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध होंगे जो मिथिला के लिए वरदान साबित होगा।
सांसद डॉ. ठाकुर ने केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष मखाना बोर्ड से होने वाले दूरगामी लाभ और फायदों को रेखांकित करते हुए कहा कि अब इसकी खेती के दायरा को 50-60 हजार हेक्टेयर तक किया जा सकता है तथा बोर्ड के माध्यम से किसानों को उचित मूल्य मिलेंगे जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। सांसद डॉ. ठाकुर ने बिहार में फूड टेक्नोलॉजी संस्थान, भारतम् मिशन के तहत ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए पांडुलिपियों के डिजिटल दस्तावेजीकरण, बिहटा व सोनपुर जैसे हवाई अड्डे को ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा बनाने की घोषणा को मिथिला तथा बिहार के लिए ऐतिहासिक सौगात बताते हुए कहा कि इस बार का बजट यहां के लिए वरदान साबित होगा। मखाना के मुद्दे पर अपने लंबे समय के प्रयासों तथा पहल को वित्त मंत्री से साझा करते हुए उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल जी ने मखाना अनुसंधान केंद्र को राष्ट्रीय दर्जा दिया था, लेकिन मनमोहन सिंह की तत्कालीन सरकार ने इस दर्जे को वापस कर दिया था, जिसके लिए वह सड़क से सदन तक आवाज उठाते रहे, जिसका परिणाम हुआ कि केंद्र में मोदी जी की सरकार बनते ही तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर से राष्ट्रीय दर्जा को वापस किया, जिसके कारण आज इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर बोर्ड बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। सांसद डॉ. ठाकुर ने कहा कि पूरे मिथिला क्षेत्र में इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।