डेस्क : प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भगदड़ के बाद स्थिति सामान्य हो गई है. प्रशासन और सुरक्षा बलों की तत्परता से हालात काबू में आए हैं और अब माहौल शांतिपूर्ण है. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. आज अब तक 3 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है. यह महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान दिवस माना जा रहा है, जिसमें लाखों लोग पुण्य की प्राप्ति के लिए गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर रहे हैं.
अखाड़ों का शाही स्नान अब 11:00 बजे के बाद शुरू हो सकता है, जिसके लिए सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर पूरी तैयारी की गई है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा इंतजामों को और कड़ा किया है.
महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व के दौरान संगम तट पर भारी भीड़ जमा हो गई. मौनी अमावस्या के पवित्र दिन पर लाखों श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने की उम्मीद थी. हालांकि, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स और सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद लोग संगम की ओर बढ़ने लगे. इस दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हुए और कुछ की मौत हो गई.
घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए और अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान रद्द करने का फैसला लिया था. इसके अलावा, संगम तट से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बैरिकेडिंग हटा दी गई. हालांकि, अभी भी संगम तट पर भारी भीड़ जमा है, और लोग स्नान करने के लिए वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.