डेस्क : एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने जब ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन को गिरफ्तार किया, तो उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर सवाल उठाए गए थे। जिसकी जांच ‘जाति जांच समिति’ ने पूरी कर ली है। इस जांच में समीर को क्लीन चिट मिल गई, साथ ही ये भी माना गया कि वो जन्मजात मुस्लिम नहीं थे।
दरअसल समीर वानखेड़े की मां जाहीदा मुस्लिम थीं, जबकि उनके पिता दलित थे। जब आर्यन केस सामने आया, तो बहुत से दलित संगठनों ने वानखेड़े की जाति पर सवाल उठाए थे। साथ ही जाति जांच समिति से इसकी शिकायत भी की। इसके बाद वानखेड़े ने भी समिति को अपने दस्तावेज दिखाए थे। समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान नहीं थे। ये भी साबित नहीं हुआ कि उन्होंने अपने पिता के साथ इस्लाम धर्म अपना लिया था। समिति के मुताबिक ये साबित हो गया है कि वे महार -37 अनुसूचित जाति के थे।
जब मामला गर्माया तो समीर वानखेड़े ने कहा था कि उनके पिता ज्ञानदेव काचरूजी वानखेड़े आबकारी विभाग में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के रूप में रिटायर हुए, जो हिंदू थे। वहीं उनकी मां मुस्लिम थीं, लेकिन उन्होंने सच्ची भारतीय परंपरा में एक समग्र, बहुधार्मिक और धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखा। 2006 में उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत एक नागरिक विवाह समारोह में डॉ शबाना कुरैशी से शादी की, लेकिन 2016 में उन्होंने सिविल कोर्ट से तलाक ले लिया। फिर वो 2017 में शियामती क्रांति दीनानाथ रेडकर के साथ शादी के बंधन में बंधे।
वानखेड़े के पूर्व ससुर डॉक्टर जाएद कुरैशी ने उस वक्त दावा किया था कि समीर मुस्लिम हैं। उन्होंने उनकी बेटी के साथ अरेंज मैरिज की थी। उनको ये बात पता थी कि समीर मुस्लिम धर्म को मानते हैं और उसके सारे रीति-रिवाजों का पालन करते हैं।