स्थानीय

दरभंगा : सीएम कॉलेज में संचालित मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केन्द्र से 6 छात्र-छात्राएं नेट परीक्षा में उत्तीर्ण

छात्र अपने लक्ष्य निर्धारित कर परीक्षा की तैयारी करने में रटने की जगह विषय वस्तु को समझने की करें अधिक कोशिश- प्रो. मुश्ताक अहमद

प्रधानाचार्य प्रो. मुश्ताक अहमद की अध्यक्षता में आयोजित उत्प्रेरण कार्यक्रम में सफल छात्रों को प्रशस्ति-पत्र एवं मोमेंट से किया गया सम्मानित

दरभंगा : सीएम कॉलेज, दरभंगा में बिहार राज्य पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, पटना द्वारा निःशुल्क मुख्यमंत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम मार्गदर्शन एवं उत्प्रेरण केन्द्र के कैरियर गाइडेंस सेन्टर से पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के 6 छात्र- छात्राओं ने गत यूजीसी- नेट परीक्षा में उत्तीर्णता प्राप्त की है, जिनमें इतिहास के अविनाश कुमार, उर्दू के यासमीन परवीन तथा मैथिली के मुकेश कुमार, अमित कुमार, ज्योति प्रियदर्शनी तथा पुष्पम ज्योति के नाम शामिल हैं।

कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो मुश्ताक अहमद की अध्यक्षता में केन्द्र द्वारा आयोजित उत्प्रेरण कार्यक्रम में सभी सफल छात्र- छात्राओं को प्रशस्ति पत्र तथा मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया, कैरियर गाइडेंस सेन्टर के निदेशक सह संयोजक डॉ अखिलेश कुमार ‘विभु’, रंजीत कुमार, बरकत रहमतुल्लाह तथा अमृता कुमारी सहित 80 से अधिक छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।

अपने संबोधन में प्रो मुश्ताक अहमद ने कहा कि कुछ बेहतर करने के लिए छात्रों को भीड़ की मानसिकता से बाहर निकलना होगा। नेट परीक्षा की तैयारी के लिए निर्धारित सिलेबस तथा पुस्तकों के बारे में छात्रों को पहले से पता होता है कि उन्हें क्या पढ़ना है और क्या नहीं पढ़ना है। छात्र अपना लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी शुरू करें और रटने की जगह विषय वस्तु को समझने की कोशिश करें तथा अपने शिक्षकों से सही मार्गदर्शन प्राप्त करें। अच्छे छात्रों के शिक्षक बनने से समाज को ज्यादा लाभ होगा। परीक्षाओं के लिए छात्रों को अपनी कर्मियों को जानकर उन्हें दूर करना अनिवार्य है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि 1986 में यूजीसी द्वारा नेट परीक्षा लिखित रूप में प्रारंभ की गई थी, जिसमें वे खुद भी सफल हुए थे।

मुख्य अतिथि डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि किसी भी प्रतियोगिता में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत एवं समुचित मार्गदर्शन के साथ ही आत्मविश्वास, निरंतर अभ्यास एवं अच्छे आचरण जरूरी हैं। सामान्य एवं गरीब परिवार के बच्चे भी अपनी लगन एवं अच्छे माहौल से ऊंचे मुकाम प्राप्त कर सकते हैं। कई मेधावी छात्र आर्थिक या सामाजिक कारण से बेहतर पढ़ाई से वंचित हो जाते हैं, जिनके लिए इस तरह के प्रशिक्षण एवं छात्रवृत्ति की भी व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है। अच्छी तैयारी के लिए पूरा सिलेबस मूल किताबों से ही पढ़ना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि जिन टॉपिकों से लगातार और अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं, उन्हें विशेष रूप से तैयारी करें। परीक्षाओं के समय टाइम मैनेजमेंट करते हुए केवल रिवीजन एवं मॉक टेस्ट अधिक ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए केन्द्र के निदेशक डॉ अखिलेश कुमार ‘विभू’ ने नेट परीक्षा की उपयोगिता, स्वरूप एवं तैयारी की बारीक जानकारी देते हुए कहा कि यह देश की एक प्रतिष्ठित परीक्षा है, जिससे पास कर छात्र पूरे भारतवर्ष में कहीं भी न केवल पीएच डी कर सकते हैं, बल्कि सहायक प्राध्यापक भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि योग्य उम्मीदवारों की कमी के कारण केन्द्रीय एवं राज्य के विश्वविद्यालयों में अति पिछड़े एवं पिछड़े वर्गों के पद खाली रह जाते हैं। इसी कारण योग्य प्रतिभाओं को तैयार करने के लिए सरकार छात्रवृत्ति देती है तथा कोचिंग की भी निःशुल्क व्यवस्था की है। अतिथियों का स्वागत अमृता कुमारी, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बरकत रहमतुल्ला ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *