उत्तर प्रदेश

मिर्जापुर: स्कूल की दो सहेलियों ने एक साथ गंगा में लगाई छलांग,दोनों की मौत

डेस्क : मिर्जापुर के चुनार कोतवाली क्षेत्र के पक्का पुल से मंगलवार की दोपहर वाराणसी की दो छात्राओं ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर गंगा में छलांग लगा दी। पुल पर पुलिस ने छात्राओं की साइकिल, जूती, परिचय पत्र, आधार कार्ड बरामद किया।

गोताखोरों ने कुछ देर की मशक्कत के बाद दोनों छात्राओं का शव बरामद कर लिया है। छात्राओं ने किस कारण से ऐसा कदम उठाया? इसकी कोई जानकारी नहीं हो सकी।

चुनार कोतवाल नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दोपहर लगभग दो बजे एक साइकिल से दो छात्राएं पहुंचीं। दोनों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर पुल से गंगा में छलांग लगा दी। आसपास के लोगों ने छात्राओं के गंगा में छलांग लगाते देख पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय गोताखोरों को लगाकर गंगा में लापता दोनों छात्राओं की तलाश शुरू कराई। पुलिस ने पुल से छात्राओं की साइकिल, जूती और स्कूल बैग बरामद किया। बैग में मिले स्कूल के परिचय पत्र व मोबाइल नंबर से लापता छात्राओं के घरवालों को घटना की सूचना दी। पुलिस ने छात्राओं की पहचान वाराणसी जिले के राजातालाब थाना क्षेत्र के बेलवा शाहंशाहपुर गांव के सतीश कुमार की 15 वर्षीय पुत्री गरिमा व सुरेश कुमार की 16 वर्षीय पुत्री जानकी के रूप में की। घटना की जानकारी होते ही लापता छात्राओं के परिजन भी पुल पर पहुंच गए।

कोतवाल ने बताया कि दोनों राजातालाब के शाहंशाहपुर गांव स्थित मालवीय इंटर कालेज की दसवीं की छात्राएं हैं। दोनों छात्राओं ने एक साथ गंगा में क्यों छलांग लगाई? इसका कुछ पता नहीं चल सका। उधर, परिजन भी कुछ बता नहीं पा रहे हैं। लापता गरिमा दो भाई व तीन बहन में छोटी है। जानकी एक भाई व तीन बहन में छोटी है। दोनों छात्राएं साथ में स्कूल आती-जाती हैं।

 मां का बिलख-बिलख कर बुरा हाल

“कहां गइलू ऐ हमार बिटिया, काहें अइसा कइलू”,
अपनी बेटियों का गंगा नदी में छलांग लगा देने की सूचना मिलते ही दोनों छात्राओं की मां गंगा नदी पर स्थित चुनार पक्का पुल पर परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पहुंची। वहां दोनों के स्कूल बैग, आधार कार्ड आदि देख कर बदहवास हो गईं। पुल पर ही बैठ कर दोनों रोने लगीं और कहने लगीं, कहां गइलू ऐ हमार बिटिया, काहें अइसा कइलू। दोनों के रूदन से वहां का माहौल गमगीन हो चला था।

पुलिस से मिली सूचना के बाद लगभग 20 से 25 मिनट में वहां पर गरिमा के पिता सतीश कुमार, मां देवी, भाई अखिलेश कुमार और जानकी के पिता सुरेश, मां कल्पना देवी और अन्य रिश्तेदार बदहवास हाल में पहुंच गए। पिता और भाई तो दोनों के बारे में पुलिस से जानकारी लेने लगे, लेकिन दोनों की मां वहां पड़े स्कूली बैग, साइकिल, आधार कार्ड आदि देख कर जोर-जोर से रोने लगीं। गरिमा की मां देवी तो रो-रो कर कहने लगी कि कहां गइलू ए हमार बिटिया गरिमा तो जानकी मां कल्पना देवी रोते-रोते कहने लगीं, काहे आइसा कइलू ए बेटी। दोनों को बदहवास हाल में जार-जार रोता देख वहां मौजूद लोगों भी गमगीन हो गए।

गरिमा के भाई अखिलेश ने बताया कि दोनों ने यह कदम क्यों उठाया, यह समझ नहीं आ रहा है। बताया कि दोनों का परिवार अगल-बगल ही रहता है। दोनों ही परिवारों में कोई विवाद नहीं है। गरिमा और जानकी भी आपस में अच्छी सहेली थीं। एकसाथ ही रहती थीं और स्कूल आती-जाती थीं। अखिलेश ने बताया कि दोनों नौंवी कक्षा पास कर दसवीं में गई हैं।

मंगलवार की सुबह 7.30 बजे स्कूल गईं। दोपहर 12.30 बजे छुट्टी होने के बाद घर न आकर इधर आ गईं। शाम को लगभग छह बजे दोनों के शव मिलने की सूचना के बाद तो दोनों छात्राओं की मां रो-रो कर बेहोश सी हो रही थीं। किसी तरह परिवार के सदस्यों ने उन्हें संभाला।

AMRITA KUMARI