डेस्क : गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार से आई दुखद घटना ने एक बार फिर चुनावी कामकाज में लगे शिक्षकों की परेशानियों को सामने ला दिया है. चारा गर्ल्स प्राइमरी स्कूल में कार्यरत शिक्षक अरविंद वधेरे ने मानसिक तनाव के चलते जिंदगी खत्म कर ली. वह देवलि गांव के निवासी थे और 2010 से शिक्षा विभाग में सेवा दे रहे थे. बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न) से जुड़ी ड्यूटी और अतिरिक्त काम के दबाव में थे.
मौके से मिला सुसाइड नोट मामले को और गंभीर बना देता है. वधेरे ने स्पष्ट रूप से लिखा कि वह लगातार बढ़ रहे काम के बोझ और मानसिक दबाव को झेल नहीं पा रहे हैं. शिक्षकों को पूरे राज्य में BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिस वजह से कई जगह शिक्षक अपनी नियमित शिक्षण कार्य से भी दूर हो रहे हैं. वधेरे ने भी इन्हीं ड्यूटी के दबाव को अपनी मौत का कारण माना.
यह घटना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि तीन दिन पहले कपदवनज में शिक्षक रमेश परमार की BLO ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. लगातार हो रही ऐसी घटनाओं ने पूरे शिक्षा समुदाय को झकझोर दिया है. शिक्षकों का कहना है कि गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. शिक्षकों के संगठनों ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है और मांग की है कि चुनावी ड्यूटी को लेकर नियमों पर पुनर्विचार किया जाए.
शिक्षक यूनियनों का कहना है कि सरकार द्वारा तय भारी-भरकम लक्ष्य और रिपोर्टिंग का दबाव शिक्षकों को तनाव में धकेल रहा है. कोडिनार की इस घटना ने साफ कर दिया है कि BLO कार्य प्रणाली पर गंभीरता से पुनर्विचार आवश्यक है. यदि समय रहते सुधार न किए गए तो हालात और खराब हो सकते हैं.
