डेस्क :बिहार विधानसभा की चौसर बिछ चुकी है तो चुनावों में हिस्सा ले रहे राजनीतिक दलों और बिहार विधानसभा के चुनावों में उम्मीद्वारों की तस्वीर भी लगभग सामने आ गई है। सौ टके का सवाल अब यह उभर रहा है कि बिहार के वोटर्स एनडीए की सरकार को ही दुबारा चुनेंगे या महागठबंधन को अवसर देंगे। देश में पिछले सालों में हुए चुनावों चाहे वह विधानसभाओं के चुनाव हो या फिर लोकसभा के चुनाव, महिलाओं और फ्लोटिंग वोटर्स की प्रमुख भूमिका रही है। इसमें कोई दो राय नहीं कि बिहार विधानसभा के पिछले चुनावों में नीतीश सरकार बनाने में महिला वोटर्स की प्रमुख भूमिका रही है। इस बार भी महिला मतदाताओं की भूमिका को लेकर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता। पर जो खासबात उभर कर आ रही है वह यह है कि बिहार विधानसभा के चुनावों में नई सरकार की तकदीर लिखने में मिलेनियल्स की खास भूमिका रहेगी। चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम मतदाता सूची के अनुसार फ्लोटिंग वोटर्स यानी की पहली बार वोट करने वाले वोटर्स चुनाव नतीजों को प्रभावित नहीं कर पायेंगे। इसका कारण भी साफ है और वह यह कि फ्लोटिंग वोटर्स दो प्रतिषत से भी कम है। बिहार के 7 करोड़ 41 हजार से अधिक वोटर्स में से फ्लोटिंग वोटर्स केवल मात्र 14 लाख एक हजार से कुछ ही अधिक है। सर्वाधिक मतदाता मिलेनियल्स यानी कि 1 करोड़ 92 लाख 74 हजार से अधिक है। मिलेनियल्स या जेन वाई वह पीढ़ी है जिसने बदलती तकनीक के साथ साथ जीवन आरंभ किया है। 30 से 39 साल की यह पीढ़ी डिजिटल दुनिया के विकास के साथ साथ आगे बढ़ी है। इसीलिए इसका खास महत्व हो जाता है।
