बिहार

गजब की दरियादिली ससुर ने विधवा पतोह के प्रति दिखाई दिल के दौरे से बेटे की मौत के बाद पतोह की दुबारा शादी कर दी

भारत में अगर किसी महिला का पति गुजर जाए और वो विधवा हो जाए, तो उसे पहले जैसा सम्मान और सुखी जीवन मिलना बहुत मुश्किल होता है। ज़्यादातर शुभ मौकों पर उसे कोई बुलाता भी नहीं। जो लोग कल तक उसे सुहागन कहकर घर बुलाते थे, वे ही उसे अपशकुन मानकर मुंह फेर लेते हैं।अगर कम उम्र में पति की मौत हो जाए, तो कुछ लोग दोबारा शादी की कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है। एक बार विधवा होने के बाद उसे नई ज़िंदगी मिलना बहुत मुश्किल होता है। कई बार तो महिला के मायके वाले ही उसकी दोबारा शादी के लिए राज़ी नहीं होते। कुछ महिलाएं पति की मौत के बाद ससुराल में ही अपनी बाकी की ज़िंदगी गुजार देती हैं। लेकिन यहां एक ससुर ने अपनी विधवा बहू के लिए पिता की भूमिका निभाई और खुद उसकी दूसरी शादी करवाकर एक मिसाल कायम की है। इस तरह उन्होंने समाज को एक नया रास्ता दिखाया है।

  1. दिल के दौरे से बेटे की मौत: ससुर ने बहू को दी नई ज़िंदगी जी हां, जहां कई लोग इसे शर्म की बात समझते, वहीं उस ससुर ने अपनी बहू को एक नई ज़िंदगी देने का फैसला किया। यह घटना गुजरात के छोटे से शहर अंबाजी में हुई है। प्रवीण सिंह राणा नाम के शख्स ने ही अपनी बहू की दूसरी शादी करवाकर यह बड़ा दिल दिखाया है। उनके बेटे सिद्धराज की दिवाली के त्योहार के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। इस वजह से उनकी बहू रातों-रात विधवा हो गई। उनकी तीन महीने की एक बेटी भी है।

ससुर ने बेटे के दोस्त से करवाई बहू की शादी बुढ़ापे में बेटे को खोने के दुख के बावजूद, प्रवीण सिंह राणा ने अपनी जवान बहू को एक नई ज़िंदगी देने का समर्थन किया। जहां कई लोग चाहते थे कि वह चुपचाप अपनी बाकी की ज़िंदगी बिताए, वहीं प्रवीण सिंह राणा ने अपने बेटे सिद्धराज के करीबी दोस्त के साथ उसकी शादी करवाकर उसे एक नया जीवन देने का कदम उठाया। शादी के बाद उसे विदा करते समय, वह एक पिता की तरह फूट-फूट कर रोए, जो अपनी बेटी को उसके ससुराल भेज रहा हो। क्योंकि वह सिर्फ विदाई नहीं दे रहे थे, बल्कि उसे प्यार से भरे भविष्य के लिए भेज रहे थे।

 

 

 

 

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