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EPFO : मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए अब निकाल सकेंगे दोगुना पैसा

डेस्क : अगर आप भी PF खाताधारक हैं तो ये खबर आपके लिए फायदेमंद है. दरअसल ने कैश विड्रॉल के नियमों में बदलाव किया है. अब पैसा निकालने की लिमिट को डबल कर दिया गया है. EPFO ने इलाज के लिए पैसा निकालने की राशि को दोगुना कर दिया है. EPFO की तरफ से मेडिकल संबंधी एडवांस विड्रॉल के नियमों में बदलाव किया गया है. आइए आपको बताते हैं कि अब आप कितना पैसा निकाल सकते हैं?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने चिकित्सा आपात स्थिति के लिए मौजूदा लिमिट को 50,000 रुपये से दोगुना कर 1 लाख रुपये कर दिया है. पहले यह क्लेम की लिमिट 50,000 रुपये थी और अब इसको बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है. ईपीएफओ की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक, अब आप 1 लाख रुपये की निकासी कर सकते हैं.

ईपीएफओ ने पैराग्राफ 68J के तहत ऑटो क्लेम सेटलमेंट की लिमिट को बढ़ाकर डबल कर दिया है. यह पहले के 50,000 रुपए से बढ़कर 1 लाख रुपए हो गई है.

ऐसे निकालें पैसे

EPFO की वेबसाइट www.epfindia.gov.in पर जाएं और लॉगइन करें.
इसके बाद Online Services ऑप्शन पर क्लिक करें और संबंधित क्लेम फॉर्म भरें.
अब PF Account के अंतिम 4 नंबर डालकर इसे वेरिफाइड करना होगा.
अब Proceed For Online Claim पर क्लिक करें और फॉर्म 31 भरें.
इसके बाद अपने खाते की डिटेल भरकर चेक या बैंक पासबुक की सॉफ्ट कॉपी अपलोड करें.
अब ‘Get Adhaar OTP’ पर क्लिक करें और इसे फॉर्म में दर्ज कर इसे सबमिट कर दें.
क्या है फॉर्म 31?

EPF अकाउंट से एडवांस में रुपये निकालने के लिए कर्मचारियों को फॉर्म 31 भरना होता है. फॉर्म 31 के तहत कर्मचारी नीचे बताए गए मदों से रुपये की निकासी कर सकते हैं.

पैरा 68B – घर या फ्लैट खरीदने या फिर घर बनवाने के लिए
पैरा 68BB – बैंक से लिए लोन को चुकाने के लिए
पैरा 68H – विशेष जरूरतों के लिए
पैरा 68 J – अपनी या परिवार के सदस्य की बीमारी के इलाज के लिए
पैरा 68K – अपनी शादी या फिर बच्चों की पढ़ाई या उनकी शादी के लिए
दिव्यांग कर्मचारी पैरा 68N के तहत पीएफ अकाउंट से निकासी कर सकते हैं.
कर्मचारी अपने रिटायरमेंट से एक साल पहले पैरा 68NN के तहत आंशिक रूप से पैसा निकाल सकते हैं.
पैराग्राफ 68J के तहत चिकित्सा जरूरतों के लिए एडवांस मांगने की अनुमति मिलती है. इन परिस्थितियों में लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना, बड़ी सर्जरी और टीबी, लेप्रोसी, पैरालिसिस, कैंसर, मानसिक बीमारी या दिल की बीमारियां शामिल हैं.

 

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