दरभंगा (नासिर हुसैन)। लहेरियासराय स्थित महारानी कल्याणी महाविद्यालय में विश्व हिंदी दिवस पर प्रधानाचार्य प्रो. मो. रहमतुल्लाह की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुआ। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रधानाचार्य प्रो. मो. रहमतुल्लाह ने कहा कि हिंदी भाषा ही नहीं, एक संस्कार है। हिंदी भाषियों के विश्व के कोने-कोने में जाने से अब यह भाषा सिर्फ हिंदुस्तान की सरजमीं तक ही नहीं, बल्कि विश्व के कोने-कोने में बोली जाने लगी है। हिंदी का तेजी से प्रचार-प्रसार हो रहा है। अब विभिन्न विभागों में भी हिंदी में कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार सहित बिहार सरकार हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये प्रतिबद्ध है। आगे उन्होंने इसपर विस्तार से प्रकाश डाला।
हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक प्रभात ने कहा कि हिंदी भाषा ही नहीं, बल्कि आदरसूचक भाषा है। वैश्विक भाषा अंग्रेजी को देखें तो ‘तुम’ के लिये समान शब्द ‘यू’ का प्रयोग होता है, जिससे सामने वाले के इरादे का पता नहीं चलता है, लेकिन हिंदी में बड़ों के लिये ‘आप’ छोटों के लिये ‘तुम’ का प्रयोग किया जाता है। हमारी सनातन संस्कृति में सम्मान और आदर का बहुत बड़ा स्थान है। यह संस्कार से जुड़ा है, जिसे हिंदी ने जीवंत बनाकर रखा है। पीएम मोदी ने मेडिकल और इंजीनियरिंग की हिंदी में पढ़ाई की शुरुआत की है जो कि अपने-आप में एक मिसाल है। यह आनेवाले समय में देश के लिये मील का पत्थर साबित होगा। कश्मीर से कन्याकुमारी, गंगटोक से गंगानगर व कामख्या से द्वारका तक को हिंदी ने एकसूत्र में बांध कर रखा है। उन्होंने इसपर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सभी आचार्य, कर्मी व दर्जनों छात्र-छात्रा उपस्थित थे।