दरभंगा। होली रोज़री कैथोलिक चर्च,दोनार में रविवार को बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ वार्षिकपल्ली दिवस मनाया गया। पूरा परिसर भक्ति, आनंद,सामुदायिक एकता की भावना से भर उठा। समारोह की शुरुआत पवित्र मिस्सा बलिदान से हुई। अध्यक्षता पटना के महा महाधर्माध्यक्ष ने किया। उन्होंने अपने प्रेरणादायक संदेश में कहा रोज़री प्रार्थना हमारे विश्वास का हृदय है। केवल शब्दों की पुनरावृत्ति नहीं, बल्कि ईसा मसीह के जीवन,दुख, मृत्यु,पुनरुत्थान पर गहरी मनन-चिंतन की यात्रा है। माता मरियम हमें रोज़री के माध्यम से यह सिखाती हैं हम अपने जीवन की हर परिस्थिति में ईश्वर पर भरोसा रखें और उनके प्रेम में बने रहें। उन्होंने आगे कहा माता मरियम हमारी करुणामयी माता हैं जो सदैव अपने पुत्र यीशु की ओर हमें ले जाती हैं। जब हम रोज़री प्रार्थना करते हैं,तो हम न केवल शांति और कृपा प्राप्त करते हैं, बल्कि अपने परिवार समाज में प्रेम,एकता,क्षमा का वातावरण भी फैलाते हैं।
पल्ली दिवस के समारोह का सामाजिक महत्व के बारे में उन्होंने कहा यह त्योहार सामाजिक मूल्यों का समर्थन करते हैं एकता,भाईचारे का प्रतीक: पेरिश डे समुदाय को एक साथ लाने का अवसर है,जहाँ सभी आयु,वर्ग और पृष्ठभूमि के लोग एक परिवार की तरह सम्मिलित होते हैं। यह आपसी सम्मान, प्रेम और सहयोग की भावना को बढ़ाता है। सेवा भावना का विकास: इस दिन लोग गरीबों, जरूरतमंदों,समाज के कमजोर वर्गों की सहायता के लिए आगे आते हैं। इससे सामाजिक जिम्मेदारी और दया भाव को बल मिलता है। युवाओं में नैतिकता और नेतृत्व का निर्माण:
कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को विश्वास, अनुशासन, समाजसेवा के मूल्यों की प्रेरणा मिलती है। वे भविष्य में समाज के सशक्त नागरिक बनते हैं, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का मंच:
पेरिश डे पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम,प्रार्थनाएँ सामूहिक आयोजन लोगों में सांस्कृतिक एकता आध्यात्मिक सामंजस्य को मजबूत करते हैं, शांति,मेल-मिलाप का संदेश: यह उत्सव हमें यह सिखाता है मतभेदों से ऊपर उठकर हम प्रेम,क्षमा के मार्ग पर चलें यही सच्ची सामुदायिक भावना है।
पवित्र मिस्सा के पश्चात भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों और युवाओं ने मनमोहक गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियाँ दीं। पल्ली पुरोहित फा रॉय मैथ्यू सीयसटी ने पर सभी श्रद्धालुओं, समितियों, स्वयंसेवकों, आमंत्रित अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए यह दिन हमारे समुदाय की आस्था और एकता का जीवंत प्रतीक है। कार्यक्रम का समापन सामूहिक प्रार्थना,आशीर्वाद और सब के लिए प्रीति भोज के सात हुवा के साथ हुआ।