डेस्क : मध्य प्रदेश के दमोह ज़िले से जातिगत भेदभाव का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहाँ एक OBC समुदाय के युवक को एक ब्राह्मण व्यक्ति का “अपमान” करने की सज़ा के तौर पर उसके पैर धोने और फिर उसी पानी को पीने के लिए मजबूर किया गया. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद हर तरफ इसकी आलोचना हो रही है. हालांकि, अब दोनों ही पक्ष इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं और इसे “राजनीतिक रंग” न देने की अपील कर रहे हैं. पुलिस ने कुशवाहा समुदाय के एक सदस्य की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है.
यह विवाद गांव की छोटी-सी लड़ाई से शुरू हुआ. सतड़िया गांव के रहने वाले परषोत्तम कुशवाहा, जो OBC समुदाय से हैं, और अन्नू पांडे, जो ब्राह्मण हैं, के बीच यह घटना हुई.
गांव में शराब पर पाबंदी है. इसके बावजूद, अन्नू पांडे कथित तौर पर शराब बेच रहा था. जब गांव वालों ने उसे पकड़ा, तो सज़ा के तौर पर उस पर 2,100 रुपये का जुर्माना लगाया गया और सबसे माफ़ी मंगवाई गई. अन्नू पांडे ने यह सज़ा मान ली थी.
लेकिन, मामला तब बिगड़ गया जब पुरुषोत्तम कुशवाहा ने AI से अन्नू पांडे की एक तस्वीर बनाई, जिसमें उन्हें जूतों की माला पहने दिखाया गया था, और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. हालांकि पुरुषोत्तम ने कुछ ही मिनटों में पोस्ट डिलीट कर दी और माफ़ी भी मांग ली, लेकिन कुछ लोगों ने इसे एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे ब्राह्मण समुदाय का अपमान मान लिया. इसी के बाद इस साधारण से विवाद ने जातिगत रूप ले लिया.
स्थानीय लोगों के अनुसार, इसके बाद ब्राह्मण समुदाय के कुछ लोग इकट्ठा हुए और पुरुषोत्तम पर ‘प्रायश्चित’ करने का दबाव बनाया. दबाव में आकर युवक को सबके सामने अन्नू पांडे के पैर धोने पड़े, वही पानी पीना पड़ा और पूरे समुदाय से माफ़ी मांगनी पड़ी. यही नहीं, उस पर 5,100 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
वायरल वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि पुरुषोत्तम घुटनों के बल बैठकर अन्नू के पैर धो रहा है. अब दोनों पक्ष मामले को दबा रहे हैं.
पुरुषोत्तम ने एक वीडियो में कहा, “मुझसे गलती हुई और मैंने माफ़ी मांग ली है. अन्नू पांडे हमारे परिवार के गुरु हैं. कृपया इसे राजनीतिक रंग न दें.” उसने अधिकारियों से इस वीडियो को इंटरनेट से हटाने की भी अपील की.
वहीं, अन्नू पांडे ने भी इसे ‘आपसी मामला’ बताया. उन्होंने कहा, “कुछ लोग इसे राजनीति का मुद्दा बना रहे हैं. हमारे बीच गुरु-शिष्य का रिश्ता है. मैंने उसे अपमानित नहीं किया, उसने यह सब अपनी मर्ज़ी से किया.”
भले ही दोनों पक्ष इसे सामान्य बताने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन ये तस्वीरें ग्रामीण भारत में आज भी मौजूद गहरी जाति व्यवस्था की कड़वी सच्चाई को बयां करती हैं.