बिहार

बिहार में किसकी सरकार? चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद आया पहला ओपिनियन पोल, कौन बनेगा CM

बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी हलचल तेज हो गई है। बिहार में दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को वोटिंग है और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।गलियों से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह अब बस एक ही सवाल गूंज रहा है -“बिहार में किसकी सरकार बनेगी?” इसी बीच बिहार चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद MATRIZE-IANS के पहले ओपिनियन पोल ने राज्य की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है।

इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि मुकाबला दिलचस्प तो है, लेकिन NDA फिलहाल बढ़त में दिखाई दे रहा है। वहीं तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर भी जनता के बीच अपनी जगह बनाने में कामयाब होते दिख रहे हैं। इस ओपिनियन पोल सीएम फेस से लेकर बिहार के चुनावी मुद्दे, SIR तक पर जनता से राय ली गई है। तो आइए जानें ये ओपिनियन पोल बिहार में किसकी सरकार बनवा रहा है।बिहार चुनाव 2025 इस बार किसे मिलेगा बहुमत?243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में इस बार NDA (JDU+BJP) को 150 से 160 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। महागठबंधन (RJD+Congress) को 70 से 85 सीटें और अन्य दलों को 9 से 12 सीटों के बीच सीटें मिल सकती हैं।वोट शेयर की बात करें तो आंकड़े इस तरह हैं, NDA: 49%, महागठबंधन: 36% और अन्य: 15%। यानी अगर आज बिहार में मतदान हो जाए तो सत्ता की चाबी NDA के हाथों में ही नजर आती है।

 

मुख्यमंत्री की रेस में कौन आगे?ओपिनियन पोल का सबसे दिलचस्प पहलू है – “बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन?” लोगों की पहली पसंद अब भी नीतीश कुमार ही बने हुए हैं।

1: नीतीश कुमार – 42%

2:तेजस्वी यादव – 15%

3:प्रशांत किशोर – 09%

4:चिराग पासवान – 08%

5:सम्राट चौधरी – 03%

6:अन्य 23%इन आंकड़ों से साफ है कि प्रशांत किशोर, जो पहली बार सीधे चुनावी मैदान में उतर रहे हैं, उन्होंने एक मजबूत विकल्प के तौर पर अपनी पहचान बना ली है।

नीतीश सरकार के काम पर जनता की राय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामकाज को लेकर जनता की राय मिली-जुली है।

42% लोग बहुत संतुष्ट हैं

31% संतुष्ट हैं

23% असंतुष्ट हैं

04% कुछ कह नहीं सकते

इसका मतलब है कि नीतीश सरकार को लेकर जनता में नाराजगी तो नहीं, लेकिन पूरी तरह संतोष भी नहीं है।

बिहार के मुद्दे क्या हैं? बेरोजगारी अब भी नंबर वन जब जनता से पूछा गया कि इस बार का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या है, तो 24% लोगों ने बेरोजगारी को सबसे अहम बताया।

बेरोजगारी 24%

भ्रष्टाचार: 10%

पीएम मोदी का चेहरा: 09%

शिक्षा: 08%

अन्य मुद्दे:49%स्पष्ट है कि बिहार की जनता अब भी रोज़गार, शिक्षा और विकास को सबसे बड़ी प्राथमिकता मानती है।SIR पर जनता की राय चुनाव आयोग द्वारा विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) को लेकर भी लोगों से सवाल पूछा गया।इसे अच्छा कदम बताया: 54%

जरूरी कहा: 17%

चुनावी फायदा उठाने का तरीका माना: 13%

कह नहीं सकते:16%मतलब साफ है-ज्यादातर लोगों को लगता है कि आयोग का यह कदम लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है।प्रशांत किशोर बन रहे हैं नया फैक्टर बहुत असर: 57%

थोड़ा असर: 08%

कोई असर नहीं: 21%

कह नहीं सकते:14%इससे साफ है कि बिहार में बीजेपी को अब भी मोदी फैक्टर का पूरा फायदा मिल रहा है।अगर इस ओपिनियन पोल को आधार माना जाए, तो बिहार की सत्ता की राह फिलहाल NDA के लिए आसान लगती है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन को बढ़त तो है, लेकिन प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव की मौजूदगी से मुकाबला रोचक हो गया है। मतदान के दिन तक तस्वीर और भी बदल सकती है, लेकिन इतना तय है कि बिहार की सियासत इस बार सबसे दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है। बिहार चुनाव 2025 में जनता के मूड का रुख फिलहाल NDA की ओर दिख रहा है, लेकिन वोटों का असली फैसला तो 14 नवंबर को होगा। तब ही पता चलेगा कि नीतीश का करिश्मा चलता है या प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव की मेहनत रंग लाती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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