यूपी में ‘छात्राओं’ के लिए बड़ी खुशखबरी, मिलेगी फ्री स्कूटी! लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्राओं के उच्च शिक्षा की राह को और अधिक सहज और प्रेरणादायक बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। “रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना” के तहत राज्य की मेधावी छात्राओं को मुफ्त स्कूटी देने की योजना पर काम चल रहा है।इस योजना का उद्देश्य न केवल प्रतिभावान छात्राओं को प्रोत्साहित करना है, बल्कि उनके आत्मनिर्भरता के मार्ग को भी सशक्त बनाना है।क्या है योजना का स्वरूप?इस योजना के पहले चरण में लगभग 45,000 छात्राओं को स्कूटी प्रदान की जाएगी। लक्ष्य उन छात्राओं को सम्मानित करना है जो विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर द्वितीय वर्ष में प्रवेश कर रही हैं। छात्राओं का चयन टॉप 5 प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा, यानी जो अकादमिक प्रदर्शन में सबसे आगे हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। योजना का कार्यान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि योग्य छात्राओं तक यह लाभ समय पर पहुंचे।चयन की प्रक्रियाइस योजना के तहत सभी परंपरागत और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत छात्राओं को शामिल किया गया है। जहां जिस पाठ्यक्रम में अधिक छात्राएं नामांकित हैं, वहां से अधिक संख्या में मेधावी छात्राओं का चयन होगा। चयन का आधार प्रथम वर्ष का परिणाम होगा, जिससे यह स्पष्ट रूप से यह आंका जा सके कि कौन-सी छात्रा वास्तव में इस सम्मान की पात्र है।क्यों है यह योजना खास?यह योजना सिर्फ एक स्कूटी देने की बात नहीं है, यह एक सांकेतिक कदम है जिससे बेटियों को यह संदेश जाता है कि उनकी मेहनत और लगन को सरकार पहचानती है और उनका समर्थन करती है। स्कूटी मिलने से छात्राओं की आवाजाही में सुविधा होगी, जिससे वे कॉलेज तक सुरक्षित और समय पर पहुंच सकेंगी। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली छात्राओं के लिए यह योजना और भी अधिक उपयोगी साबित होगी, जहां परिवहन की समस्या अक्सर पढ़ाई में बाधा बनती है।शिक्षा में बेटियों का योगदान उत्तर प्रदेश में महिला छात्राएं उच्च शिक्षा में लगातार आगे बढ़ रही हैं। न केवल उनकी संख्या में इजाफा हो रहा है, बल्कि वे अकादमिक प्रदर्शन में भी अग्रणी साबित हो रही हैं। उप्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मौलीन्दु मिश्रा के अनुसार, बेटियों का प्रदर्शन पदक तालिकाओं में भी सबसे ऊपर होता है। ऐसे में इस तरह की योजनाएं उन्हें और अधिक प्रोत्साहित करेंगी।