चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ऑनलाइन वोटर लिस्ट से जुड़ी सभी सेवाओं के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया है. अब यदि कोई भी मतदाता अपना नाम जोड़ना, हटाना या उसमें कोई बदलाव करना चाहता है, तो उसे आधार से लिंक मोबाइल नंबर प्रदान करना होगा.इस निर्णय को लगभग एक महीने पहले लिया गया था और अब इसे पूरी तरह से लागू कर दिया गया है. इससे पहले, यदि कोई व्यक्ति अपनी वोटर लिस्ट में किसी प्रकार का बदलाव करता था तो वह बिना आधार-लिंक मोबाइल नंबर के आवेदन कर सकता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से बदल गई है.वोट चोरी के आरोप के बाद बदलाव का फैसला
यह फैसला उस समय आया है जब कर्नाटक में बड़े पैमाने पर वोटर डिलीशन के आरोप लग रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक में वोटर लिस्ट से सिस्टमेटिक तरीके से वोट हटा दिए जा रहे हैं, और इसके पीछे एक ‘तीसरी ताकत’ काम कर रही है. उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र से 6018 वोटरों को हटाया गया है. राहुल गांधी ने इसे एक संगठित साजिश करार दिया और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगायारद्द आवेदन को लेकर चुनाव आयोग ने दी सफाईइन आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने अपनी सफाई दी और कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी. अंबुकुमार ने बताया कि दिसंबर 2022 में अलंद विधानसभा से 6018 वोटरों को हटाने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे. इन सभी आवेदनों की जांच की गई और पाया गया कि इनमें से 5994 आवेदन गलत थे. सिर्फ 24 आवेदन सही पाए गए और इसलिए उन गलत आवेदनों को रद्द कर दिया गया. चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच के लिए FIR भी दर्ज की और कहा कि कोई भी सामूहिक वोटर डिलीशन नहीं हुआ है.आगे की प्रक्रिया और चुनाव आयोग का कदमचुनाव आयोग ने इस कदम को पारदर्शिता बनाए रखने और चुनाव प्रक्रिया को और भी सुरक्षित बनाने के लिए उठाया है. इसके साथ ही, अब चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि भविष्य में कोई इस तरह की समस्याएं ना उत्पन्न हो. इसके साथ ही यह कदम एक संकेत है कि आयोग अपनी कार्यप्रणाली को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी या धोखाधड़ी से बचा जा सके.आधार से लिंक मोबाइल नंबर अनिवार्य करना चुनाव आयोग का एक बड़ा कदम है. इससे न केवल वोटर लिस्ट की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में भी और अधिक सुरक्षा होगी. वहीं, कर्नाटक में हुए विवाद के बाद आयोग ने अपनी सफाई दी है और आरोपों को खारिज किया है. अब यह देखना होगा कि यह नया निर्णय आने वाले चुनावों में कितनी सफलता से लागू होता है.
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