विधानसभा चुनाव: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर पूरे देश में तरह-तरह के कार्यक्रम और आयोजन देखने को मिल रहे हैं. इसी कड़ी में पटना में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक बेहद खास पोस्टर लगाया है, जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. पोस्टर को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है.
इस पोस्टर में प्रधानमंत्री मोदी की मां हीराबेन को मां दुर्गा के रूप में दर्शाया गया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शेर के रूप में दिखाया गया है. पोस्टर का संदेश साफ है कि मोदी अपनी मां के आशीर्वाद से देश का नेतृत्व कर रहे हैं और जनता की रक्षा करने वाले योद्धा हैं.
मोदी के पोस्टर से फिर शुरू हुआ विवाद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पोस्टर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को महिषासुर के रूप में दिखाया गया है. इसके साथ ही विपक्षी नेताओं जैसे स्टर्लिन, हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और रेवंत रेड्डी को भी महिषासुर के अंग के रूप में चित्रित किया गया है. यह प्रतीकात्मक संदेश विपक्षी दलों को निशाना बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
बिहार में चर्चा का विषय बना महिषासुर वध का पोस्टर
बीजेपी कार्यकर्ताओं का मानना है कि जिस तरह मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर अन्याय और अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी, उसी तरह प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार और विपक्ष की नकारात्मक राजनीति से देश को मुक्त कर रहे हैं. खास बात यह है कि यह पोस्टर ऐसे समय में सामने आया है जब नवरात्र और दशहरा जैसे पर्व नजदीक हैं. इस प्रतीकात्मक पोस्टर के जरिए बीजेपी महिलाओं और युवाओं तक एक खास संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रही है.
बिहार में पोस्टर पर राजनीति शुरू
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस तरह के पोस्टर चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं. मोदी के जन्मदिन को भव्य रूप देने के साथ-साथ विपक्ष को कमजोर और नकारात्मक ताकत के रूप में दिखाने का यह तरीका आने वाले चुनावों की तैयारी का संकेत भी है.
विपक्षी दलों की ओर से अब तक इस पोस्टर पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि इसे लेकर तीखी बयानबाजी हो सकती है. पोस्टर का यह अंदाज साफ करता है कि बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में माहौल और गर्म होने वाला है.
कुल मिलाकर, पीएम मोदी के जन्मदिन पर लगा यह पोस्टर एक ओर उन्हें जनता के रक्षक और मां दुर्गा के आशीर्वाद से सशक्त नेता के रूप में पेश करता है, तो दूसरी ओर विपक्ष को ‘महिषासुर’ की छवि में दिखाकर सियासी संदेश देने का प्रयास करता है.