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दरभंगा : ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स ने मनाया 34वां स्थापना दिवस

दरभंगा (नासिर हुसैन)। बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ (सीटू) की दरभंगा जिला कमिटी द्वारा अपने  ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स के 34वें स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर राज्य उपाध्यक्ष कॉमरेड शमशाद बेगम ने आइफा का झंडा फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की। कन्वेंशन की अध्यक्षता केंद्रीय श्रमिक संगठन (सीटू) के जिला कमिटी के संयोजक एवं राज्य कमिटी सदस्य दिनेश झा ने की। कन्वेंशन को अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के दरभंगा जिला मंत्री कॉ. फूल कुमार झा, सीटू के राज्य कमिटी सदस्य सत्य प्रकाश चौधरी ने भी संबोधित किया। कन्वेंशन को संबोधित करते हुए केंद्रीय श्रमिक संगठन के बिहार राज्य के महासचिव कॉ. अनुपम कुमार ने आइफा के इतिहास, संघर्ष और विगत 34 वर्षों की उपलब्धियों को विस्तारपूर्वक रखा। उन्होंने आनेवाले दिनों में संघर्ष को तेज करने का आह्वान करते हुए 13 फरवरी को दिल्ली में आंगनबाड़ी सेविका सहायिकाओं का राष्ट्रपति भवन के समक्ष मार्च को सफल करने का आह्वान किया। इस अवसर पर कर्मचारी नेता फूल कुमार झा ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका के अखिल भारतीय संगठन आइफा ने अपने 34 वर्षों के इतिहास में लगातार संघर्ष के माध्यम से आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के अधिकारों के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने का काम किया है। संगठन ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के लिए विभिन्न राज्यों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि आज भी बिहार सरकार आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का दमन और शोषण कर रही है। उन्होंने मांग की कि बिहार सरकार आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं को राज्य कर्मी घोषित करे तथा न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए प्रतिमाह एवं सेवांत पेंशन 10 रुपए प्रतिमाह देना सुनिश्चित करे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार ग्रेच्युटी का लाभ सभी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सेवा उपरांत देने की गारंटी दे। उन्होंने केंद्र सरकार से भी मांग की कि आईसीडीएस के लिए बजट आवंटन में बढ़ोतरी की जाए एवं चारों श्रमिक विरोधी लेबर कोड को तुरंत वापस लिया जाए । इस अवसर पर सेविकाओं ने एक स्वर में कहा कि लाभार्थियों के डिजिटल सत्यापन और श्रमिकों की निगरानी करने जैसे आदेश को वापस लिया जाए। इस अवसर पर दरभंगा जिला की विभिन्न परियोजनाओं से दो सौ से ज्यादा की संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाएं एवं सहायिकाएं उपस्थित थीं।

 

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