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ईरानी आर्मी चीफ इस्माइल कानी के इजरायली जासूस होने के शक से मचा हड़कंप, जांच के दौरान हार्ट अटैक आने का दावा

डेस्क : ईरान के आर्मी चीफ इस्माइल कानी के इजरायली जासूस होने की खबर ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। इस खबर ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई को भी गहरे सदमें में पहुंचा दिया है। मशहूर विदेशी अखबार द सन ने इस बात ने यह सनसनीखेज रिपोर्ट दी है। अब ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजरायली जासूस होने की आशंका के बीच ईरान के शीर्ष जनरल इस्माइल कानी को ‘क्रूर पूछताछ के दौरान दिल का दौरा पड़’ गया है। इससे पहले कानी पूरी तरह स्वस्थ थे।

ईरान के शीर्ष सैन्य प्रमुख को इसराइल के आतंकी सफाया अभियान के पीछे होने के दावे के बाद इस क्रूर पूछताछ का सामना करना पड़ा है। इसके बाद दावा किया जा रहा है कि इसी दौरान कथित तौर पर इस्माइल कानी को हार्ट अटैक आ गया है। अपुष्ट रिपोर्टों के अनुसार 67 वर्षीय ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल क़ानी को इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स द्वारा पूछताछ के बाद दिल का दौरा पड़ने के बाद ईरान के कारण एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। स्काई न्यूज अरेबिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह ज्ञात नहीं है कि उनकी वर्तमान स्थिति क्या है।

बेरूत में एक बंकर पर 4 अक्टूबर को इजरायल के हमले में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरानी जनरल इस्माइल कानी के जासूस होने की अफवाहें उड़ने लगीं थीं। कथित तौर पर नसरल्लाह की हत्या भी इस्माइल कानी ने ही करवाई थी। इसके बाद हिजबुल्लाह के अगले उत्तराधिकारी हाशेम सफीदीन भी एक इजरायली हमले के बाद लापता हो गए हैं। इसके बाद इस्माइल कानी के भी लापता होने की खबरें उड़ीं। इसके बाद से यह दावा किया जाने लगा कि इजरायल द्वारा हिजबुल्लाह के शीर्ष अधिकारियों को अविश्वसनीय तरीके से खत्म करने के पीछे यही गद्दार(आर्मी चीफ इस्माइल कानी) है। दावा यह भी किया जाने लग माना जा रहा है कि बंकर विस्फोट में हिज़्बुल्लाह के उत्तराधिकारी 60 वर्षीय हशेम सफ़ीदीन के साथ इस्माइल कानी की भी मौत हो गई। मगर लेबनान, इराक और ईरान के सूत्रों ने खुलासा किया है कि कानी उस बैठक में नहीं थे।

सूत्रों ने दावा किया है कि कानी उस वक्त भी बच गए थे जब हिज़्बुल्लाह नेता नसरल्ला मारा गया था। इसके बाद अचानक कानी के गायब होने की हरकत से ईरान की सेना में घबराहट पैदा हो गई। क्योंकि अफवाहें फैल गईं कि उसने दुष्ट इस्लामी शासन पर हमला कर दिया है। बता दें कि इस्माइल क़ानी ईरान के शक्तिशाली रिवोल्यूशनरी गार्ड के विशिष्ट कुद्स बलों का नेतृत्व करते हैं और शासन द्वारा उनके “जीवित और अच्छे स्वास्थ्य” होने की पुष्टि की गई है। ईरानी सेना अब 27 सितंबर को 64 वर्षीय नसरल्ला की बंकर में हत्या के मामले में उनकी भूमिका की जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि जनवरी 2020 में अमेरिका द्वारा इसके पिछले नेता कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद क़ानी को आईआरजीसी की विदेशी इकाई – क़ुद्स फ़ोर्स का प्रमुख बनाया गया था।

इज़राइल ने खुफिया जानकारी के आधार पर ही अविश्वसनीय रूप से पेजर और वॉकी-टॉकी बम हमला को एक साथ पूरे क्षेत्र में अंजाम देकर हिजबुल्लाह के दर्जनों दुश्मन कमांडरों का सफाया कर दिया था। ईरान को आशंका है कि इसमें भी इस्माइल कानी ने ही जासूसी की थी। इजरायली हमले में मारे गए कमांडरों में सफ़ीद्दीन भी शामिल था, जिसके बारे में माना जाता है कि वह बेरूत में हिज़्बुल्लाह की शूरा काउंसिल की एक बैठक के दौरान मारा गया था। इस बैठक में इस्माइल कानी को भी भाग लेने जाना था। मगर वह नहीं पहुंचे। हालांकि पहले लगा कि कानी को भी इस हमले में मार दिया गया या घायल कर दिया गया, लेकिन बाद में यह बात सामने आई कि वह बैठक से बाहर चले गए थे।

इसके बाद मंगलवार को, कुद्स फोर्स के डिप्टी कमांडर और बगदाद में पूर्व ईरानी राजदूत इराज मस्जिदी ने कहा कि कानी “अच्छे स्वास्थ्य में हैं और अपने दैनिक कर्तव्यों को पूरा कर रहे हैं”। ईरान के करीबी एक सशस्त्र गुट के कमांडर ने कहा: “ईरानियों को गंभीर संदेह है कि इजरायलियों ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर में घुसपैठ की है, खासकर लेबनानी क्षेत्र में काम करने वालों में, इसलिए फिलहाल सभी की जांच चल रही है।” इसी बीच अब कानी को हार्ट अटैक आने की खबर सामने आ रही है, जिससे तरह-तरह की आशंकाएं पैदा हो रही हैं।

 

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