अपराध एक ऐसा शब्द है, जिसका उपयोग गलत काम या आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए किया जाता है। साइबर क्राइम एक प्रकार का अपराध है, जो कम्प्यूटर, इंटरनेट तथा डिजिटल तकनीकों के दुरूपयोग करके किया जाता है। कम्प्यूटर का उपयोग अपराध के लिए एक हथियार के रूप में किया जाता है।
आजकल कई व्यक्ति साइबर क्राइम का शिकार हो रहें है। यह अपराध हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गए है। मिनट में करोड़पति बनने के चक्कर में अपनी सारी कमाई लूटा देते हैं। लालच के कारण साइबर क्राइम के चंगुल में फंसते हैं और जीवन भर की कमाई मिनटों में समाप्त हो जाती है। यह हैकरों द्वारा किया जाने वाला दंडनीय अपराध है।
साइबर क्राइम अवैध गतिविधियाँ के समान है जो ई-अपराध प्रौद्योगिकी अपराध, सूचना संबंधी अपराध आदि के रूप में जाना जाता है। कम्प्यूटर में हेर-फेर इंटरनेट के माध्यम से होता है, साइबर क्राइम ऑफ लाइन से भी किया जाता है।
साइबर थाना दरभंगा साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए लगातार प्रयत्नशील है ,अभी तक 202 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिसमें से 60 से अधिक मामलों का अनुसंधान कार्य पूरा हो चुका है।
राजीव रौशन जिलाधिकारी दरभंगा के आदेश के आलोक में सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय दरभंगा के द्वारा जिले में कई स्थलों पर गीत, संगीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से साइबर क्राइम से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया गया है।
मनुष्य का स्वभाव अभिनव तथा आविष्कारशील रहा है, अपने आवश्यकताओं के तहत नए उपकरणों एवं प्रौद्योगिकों को जन्म दिया है। प्रौद्योगिकी की उन्नति एक तरफ उपयोगी है तो दूसरी तरफ विनाशकारी प्रभाव भी है। साइबर अपराध भी इन तकनीकी विकास का नकारात्मक पहलू है, इसने कई लोगों का जीवन बर्बाद कर दिया है।
साइबर क्राइम कई तरीकों से हो सकता है जिसमें प्रमुख है:-
फ्रीजिंग- यह एक प्रकार का साइबर क्राइम है जिसमें अपराधी आपको ई-मेल या मैसेज भेजते हैं जो व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करने के लिए कहते हैं।
मैलवेयर- यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है जो आपको कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस में इंस्टॉल हो जाता है, जो आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी कर सकता है।
पासवर्ड हैकिंग- यह भी एक प्रकार का साइबर क्राइम है जिसमें अपराधी आपके पासवर्ड को हैक करते हैं और आपके अकाउंट में अनाधिकृत पहुंच प्राप्त करते हैं।
सोशल इंजीनियरिंग- यह भी एक प्रकार का साइबर अपराध है, जिसमें अपराधी आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करने के लिए विनय करते हैं या आपको ऐसा करने के लिए कहते हैं जो आपके लिए हानिकारक हो सकता है।
वेबसाइट हैकिंग- इसमें अपराधी किसी वेबसाइट को हैक करते हैं और अनाधिकृत बदलाव करते हैं, डाटा चोरी इसमें अपराधी आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी करते हैं और उसे अवैध रूप से दुरुपयोग करते हैं।
रैन समवेयर- इसमें अपराधी आपको कंप्यूटर/मोबाइल डिवाइस में रैनसमवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करते हैं और आपको अपनी फाइलों को पुनः प्राप्त करने के लिए फिरौती देने के लिए कहते हैं।
साइबर क्राइम के मुख्य माध्यम
● फिशिंग
● पहचान की चोरी
● ऑनलाइन घोटाले
● मालवेयर हमले
● डेटा उल्लंघन
● बैकिंग और भुगतान धोखाधड़ी
● बिजनेस ई-मेल समझौता बीईसी
● क्रिप्टो
● हैकिंग और ऑनलाइन
● मार्केटप्लेस धोखा
● सोशल इंजीनियरिंग
क्या करें, और क्या न करें
1. क्या करें
◆ अपने ए.टी.एम. कार्ड का पिन बदलते रहें।
◆ पासवर्ड को हमेशा मजबूत बनाकर रखें।
◆ डिवाइस में हमेशा एंटीवायस इंस्टॉल रखें।
◆ साफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें।
2. क्या न करें
लालच नहीं करें, मिनटों में करोड़पति बनने का ख्वाब नहीं पाले। ओटीपी और अपना निजी डेटा किसी को शेयर नहीं करें।
◆ किसी भी अनजान नम्बर से वीडियो कॉल स्वीकार न करें।
◆ वीडियो कॉल के दौरान किसी अजनबी या दोस्त द्वारा किए गये किसी भी अनैतिक/अभद्र अनुरोध को स्वीकार न करें।
◆ साइबर धोखाधड़ी करने वालों द्वारा ऐसे वीडियो सत्र की स्क्रीन रिकॉर्डिग का दुरूपयोग ब्लैकमेल या धमकी दी जा सकती है।
धोखाधड़ी होने पर आप नजदीकी पुलिस स्टेशन को रिपोर्ट करें या साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं तथा साइबर क्राइम का रिपोर्ट टॉल फ्री नम्बर- 1930 पर कर सकते हैं।
