खेत में गोवंश के अवशेष मिले थे। इसके बाद स्थानीय लोगों और हिन्दू संगठनों ने बवाल काटा। पुलिस चौकी फूंक दी। दर्जनों वाहन जला दिए। इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी।
हत्या में प्रशांत नट, डेविड, राहुल, जॉनी चौधरी और लोकेंद्र को उम्रकैद हुई।
हिंसा करने में योगेश राज, चमन, देवेंद्र, आशीष चौहान, रोहित राघव, जितेंद्र गुर्जर, सोनू, जीतू फौजी, नितिन, मोहित, रमेश जोगी, विशाल त्यागी, हेमराज, अंकुर, अंटी, आशीष, हरेंद्र, टिंकू, गुड्डू, सचिन जाट, सतेंद्र राजपूत, सतीश, विनीत, राजीव, सचिन कोबरा, पवन, शिखर अग्रवाल, उपेन्द्र राघव, सौरभ, राजकुमार, कलुवा, नितिन पंडित और जयदीप को 7–7 साल की सजा हुई।
योगेश राज – जिला पंचायत सदस्य
सचिन अहलावत – BJP मंडल अध्यक्ष
पवन राजपूत– RSS नगर कार्यवाह
शिखर अग्रवाल– निषाद पार्टी का लोकल लीडर
(हिंसा की ये Video 3 दिसंबर 2018 की है, जब भीड़ पुलिस चौकी में आग लगा रही थी)
