अंतरराष्ट्रीय

पीएम मोदी ने स्वीकार किया मालदीव दौरे का निमंत्रण

डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. राष्ट्रपति मुइज्जु इस समय भारत दौरे पर हैं, और उनके साथ द्विपक्षीय वार्ताओं के दौरान दोनों देशों ने आर्थिक विकास और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु ने प्रधानमंत्री मोदी को आधिकारिक रूप से मालदीव आने का न्योता दिया, जिसे पीएम मोदी ने खुशी से स्वीकार किया.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मैं राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जु का भारत में स्वागत करके बेहद खुश हूं. हमारी बातचीत में हमने आर्थिक संबंध, कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक सहयोग और जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कृषि और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.”

मालदीव के राष्ट्रपति और पीएम मोदी के बीच हुई वार्ता के दौरान, “भारत-मालदीव: एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए दृष्टि” नामक योजना को अपनाया गया. इस साझेदारी का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास और समुद्री सुरक्षा में सहयोग को और अधिक मजबूत करना है. भारत ने मालदीव कोस्ट गार्ड के जहाज ‘हुरावी’ को मुफ्त में मरम्मत करने की भी सहमति दी, जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ बनाएगा.

मालदीव में RuPay कार्ड की शुरुआत को औपचारिक रूप दिया गया, जिससे दोनों देशों के बीच वित्तीय कनेक्टिविटी में सुधार होने की संभावना है. इसके साथ ही, हनीमादू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए रनवे का उद्घाटन भी किया गया. इसके अलावा, भारत ने मालदीव को 700 सामाजिक आवास इकाइयां भी सौंपी, जो भारतीय एक्सिम बैंक की बायर्स क्रेडिट योजना के तहत बनाई गई थीं.

राष्ट्रपति मुइज्जु का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया, जहां उन्हें तीनों सेवाओं द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. राष्ट्रपति मुइज्जु ने महात्मा गांधी के स्मारक राजघाट पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की. इसके अलावा, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की.

यह मुइज्जु का भारत का पहला आधिकारिक राज्य दौरा है. इससे पहले, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था. मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु के पदभार ग्रहण करने के बाद से भारत और मालदीव के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर उनके चीन के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण. लेकिन इस दौरे के माध्यम से भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है.

 

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