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श्री श्री 108 बाबा हजारीनाथ मंदिर सिद्धपीठ परिसर में सावन की तीसरी सोमवारी पर आयोजित कार्यक्रम राजकीय महोत्सव एवं माँ गंगा आरती भव्य कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में रवि के पटवा एवं कुशाग्र पटवा लिया भाग

दरभंगा। श्री श्री 108 बाबा हजारीनाथ मंदिर सिद्धपीठ परिसर में सावन की तीसरी सोमवारी पर आयोजित कार्यक्रम राजकीय महोत्सव एवं माँ गंगा आरती भव्य कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में रवि के पटवा,जाने माने समाजसेवक,फिल्मकार, इतिहासकार,पर्यावरणविद परोपकारी,अध्यक्ष,अम्बेडकर वी के पटवा,सामाजिक न्याय स्मारक,नेशनल रिप्रेजेंटेटिव हिन्दू बुनकर समाज,अध्यक्ष,मिथिला जल संरक्षण कमिटी ने आयोजित सनातन सभा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा की
महादेव शिव जी भगवान से अगर सच्चे मन से कुछ मांगते हैं तो वे मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। मौके पर श्री पटवा गीत “सावन का महीना पवन करे शोर जियरर झूमें ऐसे जैसे मनवा नाचे मोर” गाया जिसमें भक्तगणों ने भी उनका साथ दिया ।मौके पर उन्होंने कहा इतनी उमस भरी गर्मी में भोले बाबा के आशीर्वाद से वर्षा भी हुई और दरभंगावासियों को राहत मिली है। यह सब उन्ही की कृपा से हो रहा है,उन्होंने बताया की यह मंदिर हजारीमल जो एक सिंधी परिवार से थे उन्होंने ही इस बाबा हजारीनाथ मंदिर की स्थापना की थी और यह जो इतना बड़ा प्रशस्त घाट बागमती नदी तट बना है।वो दरभंगा का सबसे बड़ा घाट है। इसका निर्माण हमारे महान पूर्वज दानवीर मूसा शाह के द्वारा करवाया गया था। और फिर मैंने इस घाट का सौंदर्यीकरण कराया है। हमारे पुत्र कुशाग्र पटवा: एमबीए (एन एम आई एम),इंजीनियर,स्प्रिचुअल साइंस गुरू आज यहां इस मौके पर हमारे पुत्र कुशाग्र विश्व के सबसे बड़े विश्वविद्यालय ऑकसफोर्ड यूनिवर्सिटी के बाद इन्सीयाद है तो फ़्रांस के जाने माने इंसिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। और स्प्रिचुअल साइंस गुरु भी हैं। मूसा शाह घाट सौंदर्यीकरण में अपूर्व सहयोग दिया। कुशाग्र पटवा एमबीए, एनएमआईएम, इंजिनियर, स्प्रिचुअल साइंस गुरु ने मौके पर सम्बोधित करते हुए कहा मिथिला के पुत्र का आप सबों को प्रणाम,भले ही मैं बीस साल के बाद आया हूँ लेकिन मेरा जन्म इसी जगह हुआ है। उन्होंने कहा हमें हमेशा हमारे घर की शक्ति हमारी माँ,बहन,बेटी होती है उन्हें दिल से देखे उन्हें आदर सम्मान दें,हमे दिल से नारी का सम्मान करना चाहिए, नहीं तो शंकर भगवान की तीसरी आँख सब कुछ देख रही है। पार्वती पति हर हर महादेव।कभी सोचा है आपने शिव से पहले पार्वती का नाम क्यों आता है?हम जब कृष्ण से पहले राधा का नाम क्यों लेते हैं? क्योकि नारी हमारी शक्ति है और कही न कही हम अपनी शक्तियों को भूल रहे हैं। इसलिए हमे अपनी शक्ति को नारी को सम्मान देना है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिव भक्त मौजूद रहकर पुण्य के भागी बने।

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