निदेशक हीरा कुमार झा ने पाग, अंगवस्त्र, मोमेंटो व पौधा प्रदान कर किया अतिथियों को सम्मानित
दरभंगा (नासिर हुसैन)। महात्मा गांँधी शिक्षण संस्थान की वाजितपुर स्थित दोनों शाखाओं में विज्ञान, कला और शिल्प प्रदर्शनी का संयुक्त रूप से आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. प्रेम मोहन मिश्रा (निदेशक, महिला प्राद्यौगिकी संस्थान, दरभंगा), विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट डॉ. ममता रानी (प्राध्यापक, भूगोल विभाग सह एएनओ, एनसीसी, नागेंद्र झा महिला महाविद्यालय, लहेरियासराय), डॉ. मनीष कुमार प्रसाद (प्रख्यात फिजिशियन एवं मधुमेह रोग विशेषज्ञ), विद्यालय के निदेशक हीरा कुमार झा, प्राचार्या श्रावणी शिखा और वाजितपुर शाखा के प्राचार्य आलोक कांति दास ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। अतिथियों का स्वागत निदेशक हीरा कुमार झा ने पाग, अंगवस्त्र, मोमेंटो और पौधा प्रदान कर किया।
अपने उद्बोधन में विद्यालय के निदेशक हीरा कुमार झा ने अतिथियों सहित सभी अभिभावकों, पत्रकारों, विद्यालय के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का अभिनन्दन किया। उन्होंने प्रदर्शनी के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विद्यार्थियों को नित नए अनुसंधान की ओर बाल्यकाल से ही जागृत होना चाहिए। इस तरह के आयोजन से विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ सम्यक ज्ञान की भी बढ़ोत्तरी होती है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. ममता रानी ने कहा कि बच्चों की सृजनात्मकता को देखकर वह अभिभूत हैं। हुए मैं उन्हें नमन करती हूं। महात्मा गांँधी की चर्चा करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप में अक्षर ज्ञान से पूर्व चित्रकला का ज्ञान होना आवश्यक है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. मनीष कुमार प्रसाद ने कहा कि विज्ञान, कला और शिल्प कला जीवन में मिश्रित हैं। वर्तमान और भविष्य में इसकी महत्वपूर्ण भागीदारी रहेगी। उन्होंने विद्यार्थियों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने और मोबाइल से दूर रहने की सलाह दी।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा कि आर्ट और क्राफ्ट शिक्षा के साथ खेल भी हैं। रचनात्मक बच्चे कभी बेरोजगार नहीं रह सकते। सफलता पाने वाले का उत्साहवर्धन होता है तो उससे वंचित को हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, बल्कि और अधिक मेहनत करनी चाहिए, ताकि अगली बार सफल हो सकें। ऐसे कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्द्धा की भावना जगाना होता है।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्या श्रावणी शिखा ने कहा कि रचनात्मकता बच्चों के जीवन का भाग है। बच्चों में उनके कौशल को निखारने पर जोर देना चाहिए।
विज्ञान, कला और शिल्प प्रदर्शनी में शामिल बच्चों ने एक से बढ़कर एक मॉडल प्रस्तुत किए। प्रदर्शनी को विभिन्न वर्ग समूहों में बांटा गया था। प्रदर्शन के आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को मेडल, प्रमाण पत्र और पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम का संचालन कुमारी सौम्या चौधरी ने किया। वहीं, धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य आलोक कांति दास द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई।