डेस्क : वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में 13 सदस्यीय मंत्रिसमूह (जीओएम) का गठन किया गया है। रविवार को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा उत्पादों के प्रीमियम पर जीएसटी दर का सुझाव देने के लिए मंत्रिसमूह को 30 अक्तूबर तक का समय दिया गया है। जीओएम के संयोजक बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी होंगे। समूह में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, मेघालय, गोवा, और गुजरात के सदस्यों को भी शामिल किया गया है। इससे पहले बीते 9 सितंबर को जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में जीवन और चिकित्सा बीमा पर जीएसटी के वर्तमान कर ढांचे की जांच और समीक्षा का फैसला लिया गया था।
बीमा प्रीमियम पर टैक्स कितना लगेगा या इसे कर मुक्त किया जाएगा, इस संबंध में अंतिम फैसला परिषद की नवंबर में होने वाली बैठक में होने की पूरी संभावना है। बैठक जीओएम रिपोर्ट के आधार पर आयोजित की जाएगी। मंत्रिसमूह वरिष्ठ नागरिकों, मध्यम वर्ग, मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य / चिकित्सा बीमा पर टैक्स दर को लेकर सुझाव भी देगा। टर्म इंश्योरेंस, निवेश योजनाओं के साथ जीवन बीमा (चाहे व्यक्तिगत हो या समूह) और पुनर्बीमा सहित जीवन बीमा पर लगने वाली कर की दरों की भी समीक्षा होगी।
बता दें कि पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों ने स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की थी। इसमें अधिकांश राज्यों में विपक्षी राजनीतिक दलों का शासन है। कुछ राज्यों ने टैक्स घटाकर पांच फीसदी करने का सुझाव दिया। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी जुलाई में इस मुद्दे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि ‘जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी’ लगाना सही नहीं है। वित्त वर्ष 2023-24 में, केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के माध्यम से 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था। स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के कारण 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे।