स्थानीय

महाराजाधिराज का शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान : कुलपति

62वीं पुण्यतिथि पर किये गए याद

दरभंगा। महाराजाधिराज डॉ. सर कामेश्वर सिंह का शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान रहा है। एएमयू हो या बीएचयू या फिर यह संस्कृत विश्वविद्यालय,इनसभी की स्थापना उन्हीं की दानशीलता व उदारता से सम्भव हो सकी। खासकर प्राच्य विद्या के संवर्धन व संरक्षण के लिए वे विशेष रूप से याद किये जाते रहेंगे। महाराजाधिराज की 62वीं पुण्य तिथि पर उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने मंगलवार को उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि हमलोगों को भी उनके आदर्शों व विचारों पर चलते हुए भारतीय संस्कृति व परम्पराओं को मजबूत करने का हरसम्भव प्रयास करना चाहिए। उनकी कृति सदा अमर रहेगी। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि डीन डॉ. शिवलोचन झा, सीसीडीसी डॉ. दिनेश झा, उपकुलसचिव डॉ. दीनानाथ साह, डॉ. सुनील कुमार, प्रो. शैलैंद्र मोहन झा, भू सम्पदा पदाधिकारी डॉ. उमेश झा, विधि पदाधिकारी डॉ. कृष्णानंद झा, समाजसेवी उज्ज्वल कुमार, व्याकरण प्राध्यापक डॉ. रामसेवक झा, डॉ. रविंद्र कुमार मिश्र सहित अन्य लोगों ने भी महाराजा के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *