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क्लास मिस की या कोर्स छोड़ा तो वीजा खत्म ! अमेर‍िका की भारतीय समेत पूरी दुन‍िया के छात्रों को सख्त चेतावनी

डेस्क : अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय और अन्य विदेशी छात्रों के लिए एक बड़ी चेतावनी जारी की गई है. यूएस एम्बेसी इंडिया ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर कोई छात्र अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़ता है, नियमित रूप से कक्षाएं नहीं लेता या बिना सूचना के कोर्स से बाहर हो जाता है, तो उसका स्टूडेंट वीजा रद्द किया जा सकता है. इतना ही नहीं, भविष्य में अमेरिका का वीजा पाने की पात्रता भी खत्म हो सकती है.

यूएस एम्बेसी के आधिकारिक बयान में कहा गया है, “अगर आप बिना स्कूल को बताए कोर्स छोड़ते हैं, क्लास अटेंड नहीं करते या प्रोग्राम से बाहर हो जाते हैं, तो आपका स्टूडेंट वीजा रद्द किया जा सकता है और आप भविष्य में अमेरिकी वीजा पाने के योग्य नहीं रहेंगे. इसलिए हमेशा अपने वीजा की शर्तों का पालन करें और स्टूडेंट स्टेटस बनाए रखें.”

यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका में बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन ड्राइव चलाया जा रहा है. अमेरिकी इमीग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने हाल ही में Optional Practical Training (OPT) वीजा पर मौजूद अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आगाह किया था कि अगर उन्होंने OPT शुरू करने के 90 दिनों के भीतर अपनी नौकरी की जानकारी SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) में दर्ज नहीं कराई, तो उनकी कानूनी स्थिति रद्द कर दी जाएगी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में चल रहे सख्त डिपोर्टेशन अभियान के चलते भारतीय छात्रों और प्रवासियों पर विशेष नजर रखी जा रही है. कई अमेरिकी कॉलेजों ने भी अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका से बाहर यात्रा न करने की सलाह दी है, ताकि वीजा रद्द होने का जोखिम टाला जा सके.

अमेरिकी दूतावास ने हाल ही में भारतीय प्रवासियों को एक और चेतावनी दी है. इसमें कहा गया है कि

“अगर आप अमेरिका में अपनी अधिकृत रहने की अवधि से ज्यादा समय तक रुकते हैं, तो आपको डिपोर्ट किया जा सकता है और भविष्य में अमेरिका यात्रा पर स्थायी प्रतिबंध लगाया जा सकता है.”

यह चेतावनी H-1B वीजा, टूरिस्ट वीजा और स्टूडेंट वीजा – तीनों श्रेणियों में आने वाले भारतीय नागरिकों के लिए दी गई है.

भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक लगभग 682 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है. इनमें से अधिकांश अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर चुके थे. यह आंकड़ा दर्शाता है कि अमेरिका अब अप्रवासन नीतियों को लेकर और भी सख्त रुख अपनाता जा रहा है.

 

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