डेस्क : मंगलवार को सफदरजंग अस्पताल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब 15 अप्रैल को अस्पताल से एक नवजात का अपहरण कर लिया गया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. आरोपी की पहचान मालवीय नगर के लेबर चौक की रहने वाली पूजा के रूप में हुई है, जिसे कड़ी तलाशी के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने खुलासा किया कि पूजा ने अपने पति और ससुराल वालों से गर्भवती होने के बारे में झूठ बोलने की बात छिपाने के लिए नवजात का अपहरण किया था.
घटना 15 अप्रैल को हुई, जब शिशु के पिता ने पुलिस को सूचना दी कि उसकी एक दिन की बच्ची अस्पताल से लापता हो गई है. बच्ची की मां ने 14 अप्रैल को बच्चे को जन्म दिया था और वह पीएनसी रूम (वार्ड नंबर 5) में भर्ती थी. दोपहर करीब 3:17 बजे शिशु के लापता होने का पता चला, जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों और आस-पास के लोगों ने उसकी तलाश शुरू की. जब तलाश बेकार साबित हुई, तो माता-पिता ने पुलिस से संपर्क किया और मामला दर्ज कराया, टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया.
दिल्ली पुलिस ने तुरंत डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम) सुरेंदर चौधरी और एसएचओ रजनीश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई, जिसका नेतृत्व सब-इंस्पेक्टर सुनील गौर कर रहे थे. अस्पताल और आस-पास के इलाकों से मिले सीसीटीवी फुटेज में एक भारी-भरकम महिला दिखाई दी, जो आंशिक रूप से दुपट्टे से ढकी हुई थी, अस्पताल के फर्श पर घूम रही थी और मरीजों से बातचीत कर रही थी. बाद में महिला को उस कमरे में घुसते हुए देखा गया, जहां से बच्चे का अपहरण किया गया था. आगे के फुटेज में उसे मेट्रो ट्रेन में चढ़ते हुए दिखाया गया, बाद में जांचकर्ताओं को भ्रमित करने के लिए अलग-अलग स्टेशनों से बाहर निकलते हुए.
विस्तृत विश्लेषण और स्थानीय खुफिया जानकारी के माध्यम से, पुलिस ने महिला को मालवीय नगर में पाया, जहां उसे शिशु के साथ एक ऑटो-रिक्शा में छोड़ा गया था. उसके घर पर छापा मारा गया, जहां से अपहृत बच्चे को सुरक्षित रूप से बरामद किया गया. पूछताछ के दौरान, पूजा ने कई महीनों तक अपनी गर्भावस्था का नाटक करना स्वीकार किया. सात साल तक बिना किसी बच्चे के विवाहित रहने के बाद, वह गर्भवती होने का नाटक करते हुए अपने माता-पिता के पास वापस चली गई. उसने अपने परिवार को धोखा देने के लिए सफदरजंग अस्पताल से नवजात शिशु का अपहरण करने की बात स्वीकार की.