डेस्क : दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. अब राजधानी में तय उम्र पार कर चुके पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों को पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं मिलेगा. इस नीति को ‘नो फ्यूल टू ओल्ड कार’ पॉलिसी नाम दिया गया है, जिसका मकसद सड़कों से प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को हटाना है. पहले ये पॉलिसी 1 अप्रैल से लागू होनी थी, लेकिन थोड़ी तकनीकी देरी के चलते अब इसे अप्रैल के आखिर तक पूरी तरह लागू किया जाएगा.
अब तक दिल्ली के 500 में से 477 पेट्रोल और सीएनजी पंपों पर ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे लगाए जा चुके हैं. बाकी 23 पंपों पर भी अगले 10–15 दिनों में ये सिस्टम लग जाएगा.
15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल से पुराने डीजल वाहन. चाहे वो दिल्ली के हों या किसी और राज्य से आए हों, अगर वो दिल्ली में ईंधन भरवाने आएंगे तो ANPR कैमरे उनकी नंबर प्लेट स्कैन कर लेंगे.
अगर वो गाड़ी mParivahan डेटा के हिसाब से ओवरएज हुई या उसके पास वैध PUC नहीं हुआ, तो तुरंत अलर्ट मिलेगा और फ्यूल नहीं दिया जाएगा. इससे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा खुद इस योजना की निगरानी कर रहे हैं. सिरसा का कहना है कि अधूरी तैयारी के साथ नीति को शुरू करने से बेहतर है, इसे थोड़ी देरी से लेकिन पूरी मजबूती से लागू किया जाए.
सरकार का मानना है कि इस नीति से दिल्ली की हवा में सुधार होगा और लोग समय पर अपनी गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए प्रेरित होंगे.