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दरभंगा : संस्कृत विवि सीनेट में सदस्यों ने दिया सहयोग का भरोसा

सुझाव पर अमल करने का अनुरोध

संस्कृत विश्वविद्यालय में सीनेट की 48वीं बैठक

 

दरभंगा। संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलसचिव प्रो. ब्रजेशपति त्रिपाठी द्वारा दरबार हॉल में मान्य सदस्यों की सार्थक उपस्थिति की सूचना पर शरू हुई सीनेट की 48वीं बैठक में बुधवार को सभी सदस्यों ने कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का खुलकर समर्थन किया और कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। कई सदस्यों ने व्यवस्था का सवाल उठाते हुए बैठक पूर्व एजेंडा उपलब्ध कराने की मांग की। प्रो. दिलीप कुमार चौधरी ने कुलपति प्रो. पांडेय से अभिभाषण प्रस्तुत करने का अनुरोध किया। इसी क्रम में उन्होंने कुलपति द्वारा किये जा रहे विकासात्मक कार्यों को सराहा एवं उन्हें इसके लिए धन्यवाद भी ज्ञापित किया। अभिभाषण पश्चात धन्यवाद प्रस्ताव का आग्रह प्रो. विनय कुमार चौधरी ने किया। इसी दौरान उन्होंने कई मूलभूत समस्याओं की चर्चा करते हुए उसका ससमय निदान करने पर बल दिया। उन्होंने पाल्यों की नियुक्ति का मामला भी उठाया। वहीं प्रो. अजीत कुमार चौधरी ने भी वित्त समिति सदस्यों कब लिए चुनाव कराने की जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि महामहिम द्वारा दिये गए निर्देशों का पालन होना चाहिए।
सीनेट के वरिष्ठ सदस्य प्रो. विनोदनन्द झा ने कहा कि संस्कृत कालेजो में छात्रों की कमी है जिसे दूर किया जाना बेहद जरूरी है। इन्होंने बजट में संशोधन को जरूरी बताया। डॉ रामप्रवेश पासवान ने विश्वविद्यालय में अंबेडकर चेयर की स्थापित करने की मांग की। साथ ही अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति मिले इसका भी प्रयास होना चाहिए।एमएलसी शशि यादव ने भी पाल्यों की नियुक्ति, पेंशनरों के बकाया भुगतान समेत अन्य समस्याओं को हल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनके पत्रों का जवाब विश्वविद्यालय से नहीं दिया जाता है। वहीं, मदन प्रसाद रे ने कहा कि विश्वविद्यालय में पाली व प्राकृत की पढ़ाई भी होनी चाहिए। विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र व ललित कला विभाग को फिर से जीवंत करने की मांग उन्होंने की। साथ ही सम्बद्ध कालेजों में नियुक्ति के दौरान आरक्षण रोस्टर को पालन नहीं करने का आरोप उन्होंने लगाया तथा इसकी जांच की मांग की। विधायक मिश्रीलाल यादव ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय में आरक्षण रोस्टर का पालन कड़ाई से होना चाहिए। साथ ही उन्होंने पचाढ़ी के संस्कृत कालेज की जमीन की सुरक्षा का सवाल उठाया। वहीं पूर्व कुलपति प्रो0 अरविंद कुमार पांडेय ने कार्यशाला आयोजित कर कालेजो की समस्याओं के निदान का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि विकासात्मक कदम कड़ाई से उठने की जरूरत है। वहीं शिक्षक नेता डॉ सुरेश प्रसाद राय ने वित्त समिति सदस्यों के लिए चुनाव कराने की मांग अध्यक्ष से की। उन्होंने कहा कि प्रबल इच्छाशक्ति के बूते उपलब्ध भूसंपदा का उपयोग कर विश्वविद्यालय चाहे तो अपनी आंतरिक आय को बढ़ा सकता है । उन्होंने व्यवस्थागत सबाल उठाते हुए ससमय कार्यवृत्त उपलब्ध कराने की मांग की। वहीं अंजीत चौधरी ने सीनेट की सामान्य बैठक अलग से करने की मांग की। कालेजो में तदर्थ समिति गठन पर उन्होंने प्रश्नचिह्न लगाया। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही की रिकार्डिंग तो होती है लेकिन लिखित में फाइनल करते समय बहुत सी महत्वपूर्ण बातों को , प्रस्तावों को हटा दिया जाता है। दुर्गेश राय ने कहा कि यह चिंतन का विषय है कि लगातार वर्षो से कुछ सदस्य प्रस्ताव या सुझाव दिए जाते हैं लेकिन स्थिति में बदलाव नही हो रहा है। ऐसे में या तो विषय ही अनुपयुक्त होते हैं या फिर उनके कहने का कोई औचित्य ही नही है। उन्होंने कहा कि हमलोग विश्वविद्यालय को हरसंभव मदद देने को तैयार हैं।वहीं, विमलेश कुमार ने कहा कि हमलोग सोचे कि कालेजो में छत्रों की कमजोर संख्या क्यो है। उन्होंने शैक्षणिक कैलेंडर को धरातल पर लागू करने की वकालत की। साथ ही कहा कि कालेजों में शैक्षणिक गतिविधियां उत्तम नही है। वहां लगातार मोनिटरिंग करने की जरूरत है। उन्होंने नामावली संशोधन के नाम पर छात्रों से वसूलने वाले शुल्क पर भी सवाल खड़ा किया। स्पोर्ट्स गतिविधियों को तेज करने की भी उन्होंने मांग की। इसकव अलावा कुंवर जी झा, सुनील भारती, शकुंतला गुप्ता एवं रूदल राय ने भी अपनी बातों को रखा। इसी क्रम में पूर्व कुलपति आचार्य किशोर कुणाल के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ा गया तथा उनकी श्रद्धांजलि में दो मिनट का मौन भी रखा गए। इसके बाद डॉ ममता ठाकुर द्वारा राष्ट्र गान की प्रस्तुति के पश्चात बैठक की समाप्ति की घोषणा की गई।

मान्य सदस्यों के सुझावों पर होगा अमल : कुलपति

मान्य सदस्यों की तरफ से दिए गए सुझावों व प्रस्तावों को गम्भीरता से सुनने के पश्चात बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो0 लक्ष्मी निवास पांडेय ने कहा कि सभी पर ससमय अमल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाल्यों की नियुक्ति भी होगी।यह मामला प्रक्रियाधीन है। शिक्षकों की सेवा सम्पुष्टि भी होगी। साथ ही उन्होंने जल्द ही वित्त समिति सदस्यों के लिए चुनाव कराए जाने का भरोसा दिया। कुलपति ने कहा कि वे खुद पेंशनरों के मामले में संवेदनशील रहते हैं। फिलहाल भुगतान सम्बन्धी पोर्टल में कुछ तकनीकी खराबी आ गयी है। इसके दुरुस्त होते ही सभी का भुगतान करा दिया जाएगा।

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