डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. सोमवार को ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर चीन ने अमेरिका से आने वाले सामानों पर लगाए गए 34 फीसदी टैरिफ को नहीं हटाया, तो अमेरिका चीन पर 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा. यह नया शुल्क 9 अप्रैल से प्रभावी हो सकता है.
ट्रंप ने साफ कहा है कि चीन के साथ टैरिफ को लेकर की जाने वाली सभी वार्ताओं को अब “Terminated” यानी समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने चीन के जवाबी टैरिफ को अमेरिका के आर्थिक हितों पर हमला करार दिया और इसे एक ‘नेशनल इमरजेंसी’ बताया.
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि अगर यह निर्णय लागू होता है, तो चीन से आने वाले सामानों पर कुल टैरिफ दर 104 फीसदी तक पहुंच जाएगी. यह अमेरिका की ओर से अब तक उठाया गया सबसे बड़ा ट्रेड एक्शन माना जा रहा है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को चीन ने अमेरिका के “लिबरेशन डे” घोषणाओं के जवाब में 34 फीसदी का जवाबी टैरिफ लगाया था. चीन ने साफ कहा था कि वह अमेरिका की आक्रामक ट्रेड पॉलिसी को बर्दाश्त नहीं करेगा और हर कदम का जवाब देगा.
ट्रंप की धमकियों और लगातार बढ़ रहे टैरिफ के चलते ग्लोबल मार्केट में भारी गिरावट देखी जा रही है. गुरुवार से अब तक प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में निवेशकों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है. व्यापारियों में अनिश्चितता और घबराहट साफ झलक रही है.
अगर अमेरिका और चीन के बीच यह टैरिफ युद्ध और गहराता है, तो इसका असर केवल इन दोनों देशों तक सीमित नहीं रहेगा. इससे ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित होगी, महंगाई बढ़ सकती है और वैश्विक आर्थिक विकास को बड़ा झटका लग सकता है. ट्रंप की 50 फीसदी टैरिफ की धमकी सिर्फ एक राजनीतिक स्टेटमेंट नहीं, बल्कि एक ऐसा कदम है जो आने वाले दिनों में वैश्विक व्यापार की दिशा बदल सकता है.