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दरभंगा : मिथिला विवि के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में संचालित संस्कृत अध्ययन केंद्र के पाठ्यक्रमों में नामांकन की तिथि 30 नवंबर तक विस्तारित

2022 में कुलपति के आदेश से संचालित संस्कृत अध्ययन केन्द्र के कोर्सों में इस वर्ष अब तक 55 से अधिक छात्रों ने कराया नामांकन- डॉ. घनश्याम

कोई भी 10वीं पास व्यक्ति सर्टिफिकेट कोर्स में ऑनलाइन नामांकन ले सकते हैं, कठिनाई होने पर संस्कृत विभाग में करेंगे संपर्क- डॉ. चौरसिया

वार्तालापों, प्रश्नोत्तरों, संकेतों, पुस्तकों, चित्रों, आपसी परिचयों आदि के माध्यम से सिखाया जाएगा संस्कृत भाषा एवं संभाषण- अमित कुमार झा

मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी संस्कृत विभाग में आगामी 22 नवंबर को ‘योग : सुख-समृद्धि का आधार’ विषय पर आयोजित होगी कार्यशाला

दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के सौजन्य से 2022 से संचालित संस्कृत अध्ययन केन्द्र के सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्सों-2024 में ऑनलाइन नामांकन की तिथि 30 नवंबर तक विस्तारित की गई है। इच्छुक कोई भी व्यक्ति जो कभी संस्कृत नहीं पढ़े हैं, वे भी इन कोर्सों में वेबसाइट- www.sanskrit.nic.in खोलकर अथवा पोर्टल- https://sanskritam.samarth.edu.in/ पर जाकर नामांकन ले सकते हैं और अध्ययन पूर्ण कर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से निर्गत अंक पत्र एवं मूल प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। किसी भी प्रकार की कठिनाई होने पर केन्द्राधिकारी डा आर एन चौरसिया, मो.- 9905437636 पर अथवा केन्द्र के शिक्षक अमित कुमार झा, मो.- 6005312770 पर फोन कर या मिलकर बात कर सकते हैं।
नामांकन- जागरूकता के उद्देश्य से स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो की अध्यक्षता में शिक्षकों, शोधार्थियों, कर्मियों, अतिथियों तथा विद्यार्थियों की बैठक हुई, जिसमें डॉ आर एन चौरसिया, डॉ ममता स्नेही, डॉ मोना शर्मा, अमित कुमार झा, डॉ संजीव कुमार साह, डॉ प्रियंका राय, नीतू कुमारी, सदानंद विश्वास, मणि पुष्पक घोष, प्रशांत कुमार झा, जूही कुमारी, प्रदीप कुमार मंडल, उदय कुमार उदेश, योगेन्द्र पासवान तथा विद्यासागर भारती आदि उपस्थित थे। इसी बैठक में आगामी 22 नवंबर को पूर्वाह्न 11 बजे से विभागीय सभागार में “योग : सुख- समृद्धि का आधार” विषय पर आयोजित होने वाली कार्यशाला की रूपरेखा भी तय की गई।
डॉ घनश्याम महतो ने कहा कि संस्कृत अध्ययन केन्द्र की स्थापना का मूल उद्देश्य संस्कृत भाषा एवं साहित्य का प्रचार- प्रसार करना तथा संस्कृत संभाषण को बढ़ावा देना है। कुलपति के आदेश से पीजी संस्कृत विभाग में 2022 से संचालित संस्कृत अध्ययन केन्द्र के दोनों कोर्सों में इस वर्ष अब तक 55 से अधिक व्यक्तियों ने ऑनलाइन नामांकन कराया है। उन्होंने बताया कि 22 नवंबर को होने वाली कार्यशाला में मेरठ के योग प्रशिक्षक इन्जिनियर राम औतार तायल योग के महत्व को रेखांकित करते हुए योगाभ्यास कराएंगे तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी देंगे।
डॉ आर एन चौरसिया ने बताया कि इन कोर्सों में कोई भी 10 वीं पास व्यक्ति, पढ़ाई करने वाले छात्र- छात्रा, व्यवसायी, कृषक, महिला, वृद्ध, अवकाश प्राप्त या नौकरी करने वाले आदि किसी भी जगह के रहने वाले संस्कृतप्रेमी मात्र 1,200 रुपए में नामांकन ले सकते हैं, क्योंकि इसका वर्ग ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संचालित होगा। उन्होंने आह्वान किया कि अधिक से अधिक व्यक्ति इन कोर्सों में नामांकन लेकर लाभ उठाएं।
अमित कुमार झा ने कोर्सों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि संकेतों, चित्रों, प्रश्नोत्तरी, आपसी परिचयों, वार्तालापों तथा पुस्तकों के अध्ययन- अध्यापन आदि के माध्यमों से संस्कृत संभाषण तथा संस्कृत भाषा का अध्ययन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में कराया जाएगा। नामांकन लेने वाले सभी व्यक्तियों को केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा तैयार 2,000 रुपए मूल्य की उच्च स्तरीय पांच पुस्तकें- वर्णमाला, वाक्यव्यवहार:, वाक्यविस्तार:, सम्भाषणम् तथा परिशिष्टम् अध्ययन हेतु निःशुल्क दिए जाते हैं, ताकि उन्हें आसानी से संस्कृत भाषा का ज्ञान हो सके तथा सरलता से संस्कृत में बातचीत भी कर सकें। धन्यवाद ज्ञापन जेआरएफ एवं शोधार्थी रीतु कुमारी ने किया।

 

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