डेस्क : संभल की जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने एएसआई से रमजान के उपलक्ष्य में मस्जिद की रंगाई-पुताई की इजाजत मांगी थी. लेकिन इजाजत नहीं मिलने पर इंतेजामिया कमेटी इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था. जिस मामले पर आज कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मस्जिद की बाहरी हिस्सों की रंगाई-पुताई के लिए इजाजत दे दी है. हालांकि, इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इजाजत देने से इंकार करते हुए एएसआई से रिपोर्ट मांगी थी. रिपोर्ट पेश करने के बाद जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने एक सप्ताह के भीतर इस कार्य को कराने का आदेश दिया. आदेश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
हालांकि इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि मस्जिद की पेंटिंग की स्थिति में कोई सुधार की आवश्यकता नहीं है. लेकिन जब मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी ने कोर्ट का रूख किया तो कोर्ट ने एएसआई की निगरानी में मस्जिद की सफाई कराने का आदेश दिया.
बता दें कि हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद मामला कोर्ट में विचाराधीन है. 19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है. जिसके बाद 19 नवंबर की शाम को मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ. दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ. मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने पुलिस पर पथराव-फायरिंग शुरू कर दी थी. बाद में आगजनी और पथराव के दोषियों को चिह्नित करके गिरफ्तार भी किया गया.