दरभंगा : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर इकाई राष्ट्रीय सेवा योजना और साक्षी NGO के रक्षिणी प्रोजेक्ट के संयुक्त तत्वावधान में “पॉश एक्ट 2013” (यौन उत्पीड़न से निवारण और संरक्षण) पर एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उपविषय ‘स्टॉप वर्कप्लेस सेक्सुअल एसाल्टेड’ था।
कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई, जिसे शिक्षा शास्त्र इकाई की छात्रा नेहा ने प्रस्तुत किया। इसके उपरांत स्वागत भाषण स्नातकोत्तर साहित्य विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर रेणुका सिन्हा द्वारा दिया गया। उन्होंने यौन उत्पीड़न से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करते हुए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के अध्यक्षीय उद्बोधन में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर लक्ष्मीनिवास पांडेय ने महिलाओं की प्राचीन पूजनीय स्थिति और समय के साथ उनकी स्थिति में आई गिरावट पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्थिति इतनी चिंताजनक हो गई है कि महिलाओं को बलात्कार जैसे घोर अपराधों का सामना करना पड़ रहा है।
कुलपति ने लड़कियों को सलाह दी कि वे सेल्फ-हेल्प ग्रुप विकसित करें और जीवन में सतर्कता बरतें। उन्होंने बल देकर कहा कि किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने समाज में यह बदलाव लाने की आवश्यकता पर जोर दिया कि लड़कियों को रोकने की बजाय लड़कों को सही शिक्षा और संस्कार दिए जाएं। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों में न्यायिक मामले में प्रायः पुलिस, वकील, और डॉक्टर होते हैं, उनके परिजन उन्हें इस दिशा में बार-बार टोकें कि वो सही दिशा में ही कार्य करें।
इसके साथ ही, प्रो. पांडे ने साक्षी NGO के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में भी इस प्रकार की कमिटी के गठन के लिए वे पहल करेंगे।
कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ के रूप में वैशाली रमेश ने पॉश एक्ट-2013 और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से निवारण के उपायों पर अपनी व्याख्या दी। उन्होंने इसकी शुरुआत की कहानी बताई, कुछ वीडियो के माध्यम से कार्यक्रम को रूचिपूर्ण बनाया। सह-संयोजन में गुड़िया दुबे का योगदान उल्लेखनीय रहा।
कार्यक्रम का संचालन और संयोजन स्नातकोत्तर इकाई की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. साधना शर्मा द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि महिलाएं परिवार में, समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती हैं। संविधान हमें सम्मान से जीने का अधिकार देता है। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक सुधीर कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि विषय अत्यन्त समसामयिक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
इस वेबिनार का उद्देश्य कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाना और इससे निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ प्रदान करना था। यह कार्यक्रम सहभागियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक सिद्ध हुआ। स्नातकोत्तर इकाई के विभागाध्यक्ष समस्त शिक्षक, महाविद्यालय के शिक्षकों, कार्यकम पदाधिकारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। करीब 100 प्रतिभागियों ने इसमें सहभागिता की।