डेस्क : नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आखिरकार 16 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं. दोनों को जून 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सिर्फ 10 दिनों के लिए भेजा गया था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते उनकी यह यात्रा 9 महीने लंबी हो गई. सुनीता और विल्मोर को 5 जून 2024 को स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से ISS भेजा गया था. हालांकि, उनकी कैप्सूल में लगातार तकनीकी दिक्कतें आने लगीं, जिसके कारण उनकी वापसी टलती रही.
नासा ने पहले उन्हें फरवरी 2025 में वापस लाने का प्लान बनाया था, लेकिन अब स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से 16 मार्च को उनकी वापसी होगी.
सितंबर 2024 में नासा ने स्टारलाइनर को बिना किसी यात्री के वापस बुला लिया था. इसके बाद, स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के तहत निक हेग और अलेक्जेंडर गोर्बूनोव को ISS पर भेजा गया. उनके साथ सुनीता व विल्मोर की सीट भी रिजर्व रखी गई थी. अब ये चारों 16 मार्च को एक साथ धरती पर लौटेंगे.
इस बीच, नासा का अगला मिशन क्रू-10, 12 मार्च को केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा. इसमें अंतरिक्ष यात्री ऐनी मैकलेन, निकोल आयर्स, तकुया ओनिशी और किरिल पेस्कोव शामिल होंगे. इस मिशन में नई क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की जगह ‘एंड्योरेंस’ कैप्सूल का इस्तेमाल किया जाएगा, क्योंकि नए स्पेसक्राफ्ट का निर्माण पूरा नहीं हो सका है.
इस लंबे इंतजार के बाद अब सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती वापसी तय हो गई है. स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल 16 मार्च को उनकी सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करेगा. अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए यह खबर बेहद खास है, क्योंकि 10 दिनों की यह मिशन यात्रा इतिहास के सबसे लंबे अंतरिक्ष प्रवासों में बदल गई.