दरभंगा (नासिर हुसैन)। रमजान के पहले जुमे पर रोजेदारों व नमाजियों ने नमाज-ए-जुमा अदा किया। नमाजियों से मस्जिदें भरी हुई थीं। जिसे जहां जगह मिली, नमाज अदा करने के लिए पंक्ति में लग गए। रमजान के पाक महीने में नमाजियों से मस्जिदें गुलज़ार हो जाती हैं।
नमाज के बाद बाजारों में रोजेदार इफ्तार के लिए और कई अन्य जरूरी सामान की खरीददारी करने में लग गए। कोई सेवई-लच्छे और तरह-तरह के खजूर की दुकान पर तो कोई इत्र-टोपी और फल तो कोई घर की सब्जियां खरीद रहे थे। मस्जिदों को रंग-बिरंगी लाइट से सजाया गया है जो शाम होते ही बाजारों में रमजान की रौनक और बढ़ा देती हैं। वहीं, रमजान में छोटे-बड़े सभी तरह के होटल फिरनी, मीठा टुकड़ा और तरह-तरह के लजीज व्यंजनों से सजे होते हैं।
करमगंज स्थित छोटी काजीपुरा मस्जिद के इमाम हाजी मौलाना अब्दुल अल्लाम मिस्वाही ने रमजान के पहले जुमे की नमाज के बारे में बताया कि रमजान का महीना अल्लाह ने अपने बंदों को खास तोहफ़े के तौर पर अता किया है। अल्लाह का हम पर यह एहसान है जो हमें रमजान के पहले जुमे की नमाज अता करने का मौका मिला।अल्लाह ने मुस्लिमों और पूरी इंसानियत के लिए यह पाक महीना अता किया है। अल्लाह हम सभी नमाजियों की नमाज कबूल फरमाए और हमारी नेक दुआओं को भी कबूल करें। ज्यादा-से-ज्यादा इबादत कर और अपने गुनाहों से तौबा कर अपने लिए अल्लाह से बख्शीश करा लेनी चाहिए। उन्होंने हम पर इसी रमजान के महीने में कुरआन पाक उतारा है। हमें ज्यादा-से-ज्यादा इस महीने में कुरआन पाक की तिलावत (पढ़नी) करनी चाहिए।मौलाना मिस्वाही ने कहा कि इस महीने में रोजेदारों को अल्लाह के बारगाह में दुआ कर माफ़ी करवा लेनी चाहिए। खास तौर पर इफ्तार से पहले की दुआ मांगने वाले की दुआ अल्लाह ज्यादा कबूल करते हैं। रमजान के इस पहले जुमे पर अपने और अपने घर-परिवार, रिश्तेदार, जान-पहचान और आसपास रहने वाले लोगों के लिए एवं अमन-चैन के साथ मिलजुल कर जिंदगी गुजारने, देश में शांति, मुल्क की तरक्की आदि के लिए दुआ मांगी गई।