डेस्क : सुप्रीम कोर्ट ने भारत के राष्ट्रपति के सचिव को आदेश दिया है कि वे मृत्युदंड की सजा पाए कैदी बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका का मामला राष्ट्रपति के समक्ष रखें और दो सप्ताह के भीतर इस पर विचार करने का अनुरोध करें। राजोआना को 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा पाए कैदी बलवंत सिंह राजोआना की याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी थी। राजोआना को 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। पंजाब पुलिस के पूर्व कांस्टेबल राजोआना ने सरकार द्वारा उनकी दया याचिका पर फैसला करने में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वह करीब 29 साल से जेल में बंद है।
बता दें कि, इस मामले में पिछले साल भी सुनवाई हुई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा माफ़ करने से इंकार कर दिया था।
31 अगस्त 1995 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या कर दी गई थी। बलवंत राजोआना ने बताय था कि, उसने और पंजाब पुलिस में काम करने वाले दिलावर सिंह ने ह्यूमन बम से बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। अदालत ने राजोआना को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।