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उत्तर भारत में हिमपात और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, उत्तराखंड में 41 मजदूर हिमस्खलन में फंसे

डेस्क:उत्तर भारत के कई हिस्सों में शुक्रवार को हिमपात और बारिश के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं. हिमपात और बारिश से जम्मू में दो लोगों की मौत हो गई और उत्तराखंड में हिमस्खलन में 41 मजदूर फंस गए वहीं हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में एक और हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है. जम्मू और हिमाचल प्रदेश में लगातार तीसरे दिन बारिश हुयी जिससे कई जिलों में स्कूल बंद कर दिया गया. बारिश के कारण पंजाब और हरियाणा में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई. उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सीमांत गांव माणा के पास ऊंचाई वाले क्षेत्र में बर्फ हटा रहे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 57 मजदूर शुक्रवार को हुए हिमस्खलन के बाद बर्फ के तले दब गए जिनमें से 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया. चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, माणा और बद्रीनाथ के बीच स्थित बीआरओ कैंप हिमस्खलन की चपेट में आ गया. बदरीनाथ से करीब तीन किलोमीटर दूर माणा भारत-तिब्बत सीमा पर बसा आखिरी गांव है जो 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमें लगातार हो रही बारिश और हिमपात के बीच राहत कार्यों के लिए रवाना हो चुकी हैं. जम्मू के उधमपुर जिले के मौंगरी इलाके में शुक्रवार सुबह दोपहिया वाहन पर सवार शानो देवी (50) और उनके बेटे रघु (25) पर पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर गिरा जिससे उनकी मौत हो गई. अधिकारियों ने बताया कि कठुआ जिले के राजबाग क्षेत्र में उज्ज नदी से पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की संयुक्त टीम ने 11 मजदूरों को बचाया. बारिश के कारण जल स्तर बढ़ने से वे निर्माण स्थल के पास बने एक शिविर में फंसे हुए थे. जम्मू के निखी तवी क्षेत्र में पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने एक डंपर चालक को भी बचाया. राज्य में लगातार तीसरे दिन रुक-रुक कर हो रहे हिमपात और बारिश से राजमार्ग बाधित हो गया है. कश्मीर घाटी में रातभर हिमपात होने से रेल, हवाई और सड़क यातायात प्रभावित हुआ. बड़गाम-बारामूला रेल खंड पर भारी बर्फबारी के कारण ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित रही

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