कहा- मखाना बोर्ड को स्वतंत्र पहचान देकर अलग से बजट की हो घोषणा, मखाना खेती के विस्तार के लिए जल प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराए केंद्र सरकार
दरभंगा (निशांत झा) : मखाना अनुसंधान केंद्र परिसर में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मखाना किसानों की संगोष्ठी में स्थानीय सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डॉ. गोपालजी ठाकुर ने मखाना बोर्ड का मुख्यालय दरभंगा में खोलने, मखाना बोर्ड को स्वतंत्र पहचान देने, इसके लिए अलग से बजट की घोषणा करने, मखाना किसानों के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र खोलने, मिथिला क्षेत्र की मखाना खेती को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने जैसी मांगें रखीं।
सांसद डॉ. ठाकुर ने कहा कि मखाना की खेती यहां के लिए एक रोजगार उपलब्ध करानेवाली खेती के साथ ही सांस्कृतिक और विरासत की पहचान भी है। इसके माध्यम से यहां के किसानों तथा युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा ठोस पहल शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में मखाना बोर्ड के गठन तथा दरभंगा में मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की घोषणा तथा आज केंद्रीय मंत्री की किसान संगोष्ठी इसका ज्वलंत उदाहरण हैं।
सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने इस बजट में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा को साढ़े आठ करोड़ मिथिलावासियों के हित में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता का प्रमाण बताते हुए कहा कि अब इसके माध्यम से मखाना खेती से जुड़े किसानों को उचित मूल्य, बेहतर तकनीक तथा वैश्विक बाजार उपलब्ध होगा जो यहां के युवाओं के लिए रोजगार सृजन की दिशा में ‘मील का पत्थर’ साबित होगा। सांसद डॉ. ठाकुर ने मखाना के मुद्दे पर अपनी प्रतिबद्धता से केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराते हुए कहा कि दरभंगा में स्थापित राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र का मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन यूपीए सरकार ने राष्ट्रीय दर्जा समाप्त कर दिया था, लेकिन केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद लोकसभा में मुद्दा उठाने तथा इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में देने पर 18 साल बाद तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दरभंगा आकर फिर से इसे राष्ट्रीय दर्जा दिया। पीएम मोदी ने इसके विकास के लिए मत्स्य सम्पदा योजना के तहत दस हजार करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान किया।
सांसद डॉ. ठाकुर ने मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा को मिथिला क्षेत्र के लिए वरदान बताते हुए कहा कि पूरे बिहार में 35 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती की जाती है, जिसमें 25 हजार हेक्टेयर की जमीन में मिथिला के मात्र दस जिले दरभंगा, मधुबनी, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी तथा किशनगंज में इसकी खेती की जाती है, जिससे यहां के लिए मखाना बोर्ड की महत्ता को समझा जा सकता है। सांसद डॉ. ठाकुर ने इस मुद्दे पर अपने सुझावों से एक ज्ञापन के माध्यम से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया।