सांसद ने की केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रस्तावित कार्यक्रम की समीक्षा, आलाधिकारी रहे मौजूद
दरभंगा (निशांत झा) : दरभंगा ही नही वरन उत्तर बिहार खासकर मिथिला क्षेत्र के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज चौहान जी का रविवार का कार्यक्रम वरदान साबित होगा। इस कार्यक्रम की सफलता न केवल दरभंगा बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर कृषि एवं कृषि कल्याण के नाम पर एक नए इतिहास का निर्माण करेगा। स्थानीय सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डॉ. गोपालजी ठाकुर ने शनिवार को दरभंगा स्थित राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र में कृषि विभाग के केन्द्रीय स्तर के अधिकारियों जिला के शीर्ष अधिकारियों तथा मखाना अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद उपरोक्त बातें कही।
सांसद डॉ. ठाकुर ने समीक्षा बैठक के बाद दरभंगा के जिला पदाधिकारी, उपविकास आयुक्त, सदर एसडीओ के साथ कार्यक्रम स्थल तथा सभा स्थल, मंच आदि का निरीक्षण भी किया। डॉ. ठाकुर ने केंद्रीय बागवानी विभाग के उपनिदेशक प्रभात कुमार, कृषि विभाग के केन्द्रीय वैज्ञानिक प्रमुख राजेश कुमार विश्वकर्मा, मखाना अनुसंधान केंद्र के निदेशक नचिकेता कोतवाली, वैज्ञानिक डॉ. मनोज, दरभंगा के जिला पदाधिकारी राकेश रौशन, उप विकास आयुक्त चित्रगुप्त कुमार, सफर एसडीओ विकास कुमार सहित विभिन्न वैज्ञानिकों से किसान संगोष्ठी तथा कृषि कल्याण के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
सांसद डॉ. ठाकुर ने केंद्रीय कृषि मंत्री के दरभंगा आगमन की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह न केवल मखाना अनुसंधान केंद्र के विस्तार से संबंधित विषयों का उदाहरण बनेगा, बल्कि बाढ़ से प्राभावित क्षेत्रों को रोज़गार का माध्यम बनाए जाने की पहल की जाएगी।
सांसद डॉ. ठाकुर ने बताया कि कृषि मंत्री श्री चौहान के द्वारा दो हजार से अधिक मखाना कृषकों, मछली पालन, सिंघाड़ा खेती करने वाले किसानों के साथ खुला संवाद भी किया जाएगा और मखाना किसानों से रूबरू होकर वह उनकी समस्याओं से अवगत होंगे।
सांसद डॉ. ठाकुर ने कृषि मंत्री के होनेवाले स्वागत के संबंध में बताया कि भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं के द्वारा मिथिला की संस्कृति और परंपरा के अनुसार उनका अभिनंदन भी किया जाएगा।
सांसद डॉ. ठाकुर के साथ दरभंगा पूर्वी के जिलाध्यक्ष विनय पासवान, भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष उदयशंकर चौधरी, सपना भारती, निभा देवी, विकास विवेक चौधरी, आशुतोष झा, पुरुषोत्तम सिंह, शशिभूषण चौधरी एवं नेहरू अश्विनी शाह आदि उपस्थित थे।