डेस्क : जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां बिलावर इलाके के काहुग गांव में दो ग्रामीणों की गला रेतकर हत्या कर दी गई है. जानकारी के अनुसार, ग्रामीण रामशेर और रोशन लाल जंगल में चारा लेने गए थे, जो संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए हैं. उनके गले पर गहरे कट के निशान थे, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनकी गला काटकर हत्या की गई है. इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है. स्थानीय लोगों को शक है कि इसमें आतंकियों का हाथ हो सकता है.
गांववालों का कहना है कि यह कोई साधारण हत्या नहीं बल्कि आतंकियों द्वारा इलाके में डर फैलाने की साजिश हो सकती है. शवों की स्थिति और उनके गले पर मिले निशान यह दर्शाते हैं कि हत्यारों ने पूरी प्लानिंग के साथ वारदात को अंजाम दिया.
खास बात यह है कि मौके पर कोई संघर्ष के निशान नहीं मिले, जिससे लगता है कि या तो पीड़ितों को बहुत ज्यादा डराया गया था या फिर हत्यारे इतने ताकतवर थे कि कोई बचाव नहीं कर सका. इलाके में पहले भी आतंकी गतिविधियां देखी गई हैं. सितंबर 2023 में इसी बिलावर क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने ‘कश्मीर टाइगर्स’ नाम के आतंकी संगठन के एक आतंकवादी को मार गिराया था. इसके अलावा, सितंबर 2024 में रामबन के अस्सर में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जहां मान सिंह गड्डी नामक व्यक्ति की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी.
बाद में यह खुलासा हुआ था कि इस वारदात को भी ‘कश्मीर टाइगर्स’ के आतंकियों ने अंजाम दिया था.
मौके पर मिले सुरागों से पता चलता है कि अपराधी अत्यधिक नियंत्रित और संगठित थे. शवों की स्थिति से यह प्रतीत होता है कि हत्यारे ने पहले से ही सोची-समझी रणनीति के तहत वारदात की. खासतौर पर, दोनों शवों के पीछे एक पेड़ था, जो पिछले हमलों से मिलती-जुलती एक पैटर्न दर्शाता है.
घटना के बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. आस-पास के जंगलों और गांवों में सघन चेकिंग की जा रही है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके. फिलहाल, पुलिस सभी संभावित एंगल से इस मामले की जांच कर रही हैं.