डेस्क : तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र (UN) प्रस्तावों के तहत हल निकालने की बात दोहराई.
उन्होंने कहा कि तुर्किये कश्मीरी भाइयों के साथ मजबूती से खड़ा है और इस मसले को संवाद और कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप हल किया जाना चाहिए. उन्होंने पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दी गई कुर्बानियों की सराहना करते हुए तुर्किये की बिना शर्त समर्थन की बात भी कही.
बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एर्दोगन ने कहा कि दोनों देशों ने मौजूदा व्यापार समझौते के दायरे को और विस्तृत करने पर विचार किया है. उन्होंने यह भी बताया कि तुर्किये के निवेशकों को पाकिस्तान में अधिक निवेश करने और प्रमुख परियोजनाओं को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
तुर्किये के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य संवाद और रक्षा उद्योग में सहयोग से व्यापार और निवेश संबंधों में तेजी आई है. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने संयुक्त विनिर्माण, खरीद-फरोख्त और बिक्री सहित कई परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.
एर्दोगन ने बताया कि इस बैठक में 24 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो दोनों देशों और पूरे क्षेत्र के लिए लाभकारी साबित होंगे.
फिलिस्तीन मुद्दे पर पाकिस्तान के स्पष्ट और मजबूत रुख की सराहना करते हुए एर्दोगान ने कहा कि दोनों देश पूर्वी यरुशलम को राजधानी बनाकर स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर तुर्किये के स्पष्ट और निरंतर समर्थन की सराहना की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, तुर्किये के उत्तरी साइप्रस मामले में रुख का पूरी तरह समर्थन करता है.
शरीफ ने कहा कि तुर्किये ने हर मुश्किल घड़ी में पाकिस्तान का साथ दिया है, चाहे वह बाढ़ हो या भूकंप. उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों देशों के बीच भाईचारे और घनिष्ठ संबंध समय के साथ और मजबूत होंगे.
उन्होंने यह भी बताया कि इस बैठक में व्यापार, निवेश, रणनीतिक और रक्षा सहयोग सहित कई विषयों पर चर्चा हुई. दोनों देशों ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) विकसित करने सहित कई व्यावसायिक समझौतों को अमलीजामा पहनाने की प्रतिबद्धता जताई.
बैठक के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगान और उनके प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में एक भव्य भोज का आयोजन किया.