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मैथिली भाषा को फिर मिली सौगात, संसदीय कार्यप्रणाली की बनी हिस्सा : डॉ. गोपालजी ठाकुर

सदन की कार्यवाही का मैथिली में होगा रूपांतरण, लोकसभाध्यक्ष ने की घोषणा

दिल्ली (निशांत झा) : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा आज संसद की कार्यवाही का मैथिली सहित अन्य छह भाषाओं में रूपांतरण किए जाने की घोषणा का दरभंगा सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डॉ. गोपालजी ठाकुर और मधुबनी सांसद डॉ. अशोक कुमार यादव ने स्वागत किया है तथा इसके लिए साढ़े आठ करोड़ मिथिलावासियों की ओर से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह सहित केंद्र सरकार के प्रति आभार जताया है।

मैथिली भाषा को सदन की कार्यप्रणाली का हिस्सा बनाने के लिए सांसद डॉ. ठाकुर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया तथा लोकसभा अध्यक्ष को मिथिला की संस्कृति और परंपरा के अनुसार पाग, अंगवस्त्र, मखाना की माला तथा मिथिला पेटिंग भेंट कर सम्मानित भी किया।

सांसद डॉ. ठाकुर ने लोकसभा अध्यक्ष के इस निर्णय को मैथिली भाषा के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा है कि वह लोकसभा में मैथिली भाषा में शपथ भी लेते आए हैं तथा संसद की कार्यवाही में मैथिली भाषा में ही अपनी बात रखते आए हैं, इसलिए केंद्र सरकार का आज का यह निर्णय मिथिला क्षेत्र के सांसदों के साथ ही मैथिली भाषा में अभिरुचि रखनेवाले अन्य क्षेत्रों के सांसदों के लिए सराहनीय कदम है।

सांसद डॉ. ठाकुर ने मैथिली भाषा को भारतीय संसदीय प्रणाली का हिस्सा बनाए जाने को केंद्र की मोदी सरकार का दूरगामी तथा प्रभावी फैसला बताते हुए कहा कि कांग्रेस तथा यूपीए सरकार के शासन में मैथिली भाषा उपेक्षित रही, लेकिन श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में इस भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया। फिर, मोदी जी की सरकार ने सीबीएसई बोर्ड में शामिल कर इस भाषा को उच्चतर शिक्षा का माध्यम बनाया जो ऐतिहासिक उपलब्धि साबित हुई।

सांसद डॉ. ठाकुर ने साढ़े आठ करोड़ मिथिलावासियों की भाषा तथा इसके सांस्कृतिक उत्थान के लिए भाजपा तथा केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों की जमकर सराहना करते हुए कहा कि विगत दिनों मैथिली भाषा में संविधान विमोचन कर इस भाषा को न्यायिक कार्यों का हिस्सा बनाया गया और अब संसदीय कार्यप्रणाली का हिस्सा बनाकर मोदी सरकार ने इस भाषा को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है, जिसके लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री बधाई के पात्र हैं।

सांसद डॉ. ठाकुर ने मैथिली भाषा के सर्वांगीण विकास के लिए खुद को संकल्पित बताते हुए कहा कि वह जब साल 2010 में बिहार विधानसभा के लिए चुने गए थे, तब भी उन्होंने शपथ ग्रहण से लेकर सदन के भीतर भी मैथिली भाषा का ही प्रयोग किया और 2019 में लोकसभा सदस्य के रूप में चुने जाने से लेकर अभी तक लोकसभा के दोनों कार्यकाल में अपनी मातृभाषा मैथिली में ही अपना विषय रखते हैं।

सांसद डॉ. ठाकुर ने भाजपा तथा पीएम मोदी को मैथिली भाषा का सबसे बड़ा हितैषी बताते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन में बिहार में उर्दू को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया गया, जबकि भाजपा सरकार ने झारखंड में मैथिली भाषा को दूसरी राजभाषा घोषित किया।

 

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